नयी दिल्ली, 15 जुलाई देश में मंगलवार को एक दिन में कोविड-19 के सबसे ज्यादा 3.2 लाख नमूनों की जांच की गई और इसके साथ ही 14 जुलाई तक कुल जांचों की संख्या बढ़कर 1,24,12,664 हो गई। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर जांच की संख्या लगातार बढ़ रही है और बुधवार को यह 8994.7 पर पहुंच गई।
आईसीएमआर में वैज्ञानिक और मीडिया समन्वयक डॉ. लोकेश शर्मा ने कहा, “कुल मिलाकर 1,24,12,664 नमूनों की जांच 14 जुलाई तक की गई। मंगलवार को कुल 3,20,161 नमूनों की जांच हुई, जो एक दिन में अब तक सबसे ज्यादा है।”
शर्मा ने बताया कि 25 मई को प्रति दिन जांच क्षमता, जहां करीब 1.5 लाख थी, वह अब बढ़कर करीब चार लाख प्रतिदिन हो गई है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सबसे ज्यादा 29,429 नए मामले सामने आए जिससे देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,36,181 पहुंच गई, जबकि इसी अवधि में कोविड-19 के 582 मरीजों की मौत के बाद महामारी से देश में जान गंवाने वालों की कुल संख्या बढ़कर 24,309 हो गई।
मंत्रालय ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने “कोविड-19 के संदर्भ में लोक स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों को समायोजित करने के लिये सार्वजनिक स्वास्थ्य मानदंड” पर अपने दिशानिर्देशक नोट में संदिग्ध मामलों के लिये व्यापक जांच और परीक्षण की सलाह दी है। मंत्रालय ने कहा कि व्यापक निगरानी और संदिग्ध मामलों के परीक्षण की परिकल्पना को समझाते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एक देश को प्रति 10 लाख की आबादी पर प्रति दिन 140 नमूनों की जांच करनी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि जांच को लेकर डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुरूप 22 राज्य प्रति 10 लाख की आबादी पर फिलहाल 140 से ज्यादा नमूनों की जांच कर रहे हैं। मंत्रालय ने अन्य राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को भी डब्ल्यूएचओ के परामर्श के स्तर तक जांच बढ़ाने को कहा है।
देश में कोविड-19 के नमूनों की जांच की संख्या बढ़ने की बड़ी वजह इनके परीक्षणों के लिए प्रयोगशालाओं की संख्या में लगातार किया जा रहा इजाफा भी है। फिलहाल 1223 प्रयोगशालाएं कोविड-19 की जांच में जुटी हैं जिनमें 865 सरकारी और 358 निजी प्रयोगशालाएं हैं।
डब्ल्यूएचओ के मानक से ज्यादा परीक्षण करने वाले राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में गोवा सबसे आगे हैं जहां प्रति 10 लाख आबादी पर 1058 जांच प्रति दिन हो रही है। दिल्ली में यह आंकड़ा 978 का है, तमिलनाडु में 563, असम में 310, कर्नाटक में 297, मध्य प्रदेश में 249, झारखंड में 242, राजस्थान में 235, और महाराष्ट्र में 198 जांच रोजाना प्रति 10 लाख की आबादी पर की जा रही है।
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