जरुरी जानकारी | आरबीआई ने ग्राहकों की ऋण सूचना पर निर्देशों को एकीकृत किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को एक मास्टर निर्देश जारी किया, जिसमें बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों के अपने ग्राहकों की ऋण सूचना पर जारी किए गए विभिन्न निर्देशों को एकीकृत किया गया है।

मुंबई, छह जनवरी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को एक मास्टर निर्देश जारी किया, जिसमें बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों के अपने ग्राहकों की ऋण सूचना पर जारी किए गए विभिन्न निर्देशों को एकीकृत किया गया है।

मास्टर निर्देश के अनुसार, अगर निर्दिष्ट उपयोगकर्ता (एसयू) ग्राहकों की ऋण सूचना रिपोर्ट (सीआईआर) को लेते हैं, तो इस बारे में ऋण सूचना कंपनियां (सीआईसी) ग्राहकों को एसएमएस या ईमेल के जरिये बताएंगी।

मास्टर निर्देश - भारतीय रिजर्व बैंक (ऋण सूचना रिपोर्टिंग) निर्देश, 2025 में कहा गया, ‘‘सीआईसी अलर्ट तभी भेजेंगी, जब सीआईआर जांच ग्राहक की सीआईआर में दिखाई देगी।’’

साथ ही, ऋण संस्थानों (सीआई), जिनमें बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) शामिल हैं, को ग्राहकों को यह बताना होगा कि डेटा सुधार के उनके अनुरोध को अस्वीकार क्यों किया गया।

आरबीआई ने कहा, ‘‘यदि शिकायतकर्ता द्वारा सीआई/सीआईसी के पास शिकायत दर्ज कराने की तारीख से तीस कैलेंडर दिवस के भीतर उनकी शिकायत का समाधान नहीं किया जाता है, तो शिकायतकर्ता प्रतिदिन 100 रुपये के मुआवजे का हकदार होगा।’’

मास्टर निर्देश जारी करने का उद्देश्य ऋण सूचना की रिपोर्टिंग और प्रसार के लिए एक मानकीकृत ढांचा स्थापित करना और संवेदनशील ऋण डेटा की गोपनीयता की रक्षा करना है।

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