जरुरी जानकारी | इस साल राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आई तेजी

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि इस साल पूरे भारत में राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ में तेजी आई है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2023 के पहले 11 महीनों में राशन दुकानों से खाद्यान्न को लेकर 28 करोड़ लेनदेन दर्ज किए गए।

राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ के तहत संबंधित व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर भी इसका उपयोग पहले की तरह कर सकता है।

एक देश, एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) के तहत ‘पोर्टेबिलिटी’ अगस्त 2019 में चार राज्यों में शुरू की गई थी। लेकिन बाद में राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में ‘पोर्टेबिलिटी’ व्यवस्था सभी 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गयी।

एक देश, एक राशन कार्ड का उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत गरीब लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासियों को बायोमेट्रिक या पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्यान्न के उठाव के समय आधार प्रमाणीकरण के साथ देश में किसी भी ई-पीओएस (इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइस) सक्षम राशन दुकानों से राशन का लाभ उठाने का पात्र बनाना था।

इसके अलावा, घर पर उनके परिवार के सदस्य भी उसी राशन कार्ड पर खाद्यान्न की शेष आवश्यकता उठा सकते हैं।

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2023 के 11 महीनों में राशन कार्ड के पोर्टेबिलिटी बाद खाद्यान्न लेने को लेकर 28 करोड़ लेनदेन किए गए। इसके तहत एनएफएसए और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के अंतर-राज्य और अंतर-राज्य पोर्टेबिलिटी लेनदेन सहित 80 लाख टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किये गये।’’

वर्तमान में, पीएमजीकेएवाई खाद्यान्न वितरण के तहत हर महीने 2.5 करोड़ से अधिक ‘पोर्टेबिलिटी’ लेनदेन दर्ज किए जा रहे हैं।

अगस्त 2019 में ओएनओआरसी योजना की शुरुआत के बाद से, देश में 125 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन दर्ज किए गए हैं। इससे 241 लाख टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किये गये हैं। इसमें राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में राशन दुकानों से खाद्यान्न लेना शामिल है।

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