देश की खबरें | राज्यसभा चुनाव: शिवसेना ने संभाजी छत्रपति की उम्मीदवारी प्रकरण को लेकर भाजपा पर निशाना साधा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. शिवसेना ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भााजपा) नेता देवेंद्र फडणवीस पर पूर्व सांसद संभाजी छत्रपति को मुश्किलों में डालने का आरोप लगाया। राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में संभाजी छत्रपति का समर्थन करने से शिवसेना के इनकार के बाद वह चुनावी दौड़ से हट गए थे।

मुंबई, 30 मई शिवसेना ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भााजपा) नेता देवेंद्र फडणवीस पर पूर्व सांसद संभाजी छत्रपति को मुश्किलों में डालने का आरोप लगाया। राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में संभाजी छत्रपति का समर्थन करने से शिवसेना के इनकार के बाद वह चुनावी दौड़ से हट गए थे।

शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने शब्दों से पीछे नहीं हटे। इसके साथ ही पार्टी ने संभाजी छत्रपति द्वारा पिछले सप्ताह संवाददाता सम्मेलन में लगाए गए आरोपों का खंडन किया।

संपादकीय में कहा गया है, “शिवसेना ने हमेशा छत्रपति के परिवार का सम्मान किया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी बात से पीछे नहीं हटे। यह सब भाजपा की गलत राजनीति है।’’

इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए भाजपा पर राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया और दावा किया कि भाजपा ने संभाजी छत्रपति को "ढाल" के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास किया।

शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी छत्रपति का राज्यसभा कार्यकाल हाल ही में पूरा हुआ है। उन्होंने घोषणा की थी कि वह राज्यसभा का आगामी चुनाव निर्दलीय लड़ेंगे और उन्होंने शिवसेना से समर्थन भी मांगा था।

शिवसेना ने कहा था कि अगर वह पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो वह उनका समर्थन करेगी। लेकिन उन्होंने पार्टी की इस पेशकश को अस्वीकार कर दिया।

बाद में, चुनावी दौड़ से हटने की घोषणा करते हुए संभाजी छत्रपति ने मुख्यमंत्री पर अपनी बात से पीछे हटने का आरोप लगाया था।

हालांकि, संभाजी के पिता शाहू छत्रपति महाराज ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह दावा करना सही नहीं है कि मुख्यमंत्री अपनी बात से पीछे हटे।

सोमवार को प्रकाशित संपादकीय में कहा गया, ‘‘जब तथाकथित वचन दिया गया था, उस समय फडणवीस वहां मौजूद नहीं थे। संभाजी छत्रपति और शिवसेना के बीच जो कुछ भी बातचीत हुई, वह चारदीवारी के भीतर थी। चर्चा यहीं तक सीमित थी कि संभाजीराजे निर्दलीय न लड़कर, शिवसेना के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ें।’’ शिवसेना ने फडणवीस के इस दावे को मजाक बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने शुरू में संभाजी छत्रपति को समर्थन देने की घोषणा की और बाद में अपनी बात से पीछे हट गए।

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