ताजा खबरें | राज्यसभा: सिख बंदियों की रिहाई, यूसीसी लागू करने की मांग, हृदयाघात के बढ़ते मामलों पर चिंता
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा में शुक्रवार को पंजाब में सजा पुरी कर चुके सिख कैदियों को रिहा करने और देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की मांग उठाई गई वहीं कम उम्र के लोगों में हृदयाघात के बढ़ते मामलों पर चिंता भी जताई गई।
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर राज्यसभा में शुक्रवार को पंजाब में सजा पुरी कर चुके सिख कैदियों को रिहा करने और देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की मांग उठाई गई वहीं कम उम्र के लोगों में हृदयाघात के बढ़ते मामलों पर चिंता भी जताई गई।
आम आदमी पार्टी (आप) के विक्रम सिंह साहनी ने शून्य काल में कहा कि पंजाब में आतंकवाद के दौर में कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था और इनमें से अधिकांश ऐसे हैं जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन अब तक उनकी रिहाई नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि इनमें से कई सिख कैदी ऐसे हैं जो स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं से भी जूझ रहे हैं।
साहनी ने न्याय प्रणाली की ‘निरपेक्षता’ पर सवाल उठाया और कहा कि एक तरफ सिख कैदियों की रिहाई नहीं की जा रही है वहीं गुजरात दंगे से जुड़े बिल्किस बानो मामले के गुनहगारों की रहाई हो गई, राजीव गांधी के हत्यारों को 30 साल बाद रिहा कर दिया और हाल ही में कुछ कैदियों को लगातार पेरोल पर रिहा किया जा रहा है।
उन्होंने सरकार से एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सिख कैदियों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त करने की मांग की।
शून्यकाल में ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ डी पी वत्स ने सेना में अल्पकालिक भर्ती की अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों के आश्रितों की भर्ती के लिए नियत पदों में रिक्तियों के शेष रहने पर उनमें अग्निवीरों की भर्ती की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के आश्रितों की भर्ती के लिए नियत पदों में शेष रह गई रिक्तियों में अग्निवीरों की भर्ती करते समय उन्हें आरक्षण का लाभ भी दिया जाना चाहिए।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य आर गिरिराजन ने तमिलनाडु के चेन्नई शहर में कुछ प्रस्तावित फ्लाईओवरों के निर्माण को शहर के हित में बताते हुए कहा कि केंद्र को इसके लिए आर्थिक मदद करनी चाहिए।
भाजपा के हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में देश के नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता बनाए जाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा ‘‘धर्म, लिंग, क्षेत्र और के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। लेकिन यह हो रहा है।’’
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