देश की खबरें | राजस्थान : शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत छह दिन में एक लाख से ज्यादा को मिला रोजगार
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जयपुर, 15 सितंबर राजस्थान में शहरी इलाकों में जरूरतमंदों को रोजगार देने के लिए शुरू की गई इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत पहले छह दिन में ही एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है।
एक आला अधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्र के जरूरतमंद तबके में योजना को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है और इसका फायदा लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
स्थानीय निकाय विभाग के शासन सचिव जोगाराम ने कहा, “योजना के तहत अब तक 2.45 लाख से अधिक परिवारों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इन परिवारों के 3,83,639 लोगों का नाम जॉब कार्ड में शामिल है।”
उन्होंने बताया, “योजना में अब तक 96,452 परिवारों के 1,39,798 लोगों ने रोजगार की मांग की है। मांग के अनुरूप योजना शुरू होने के मात्र छह दिन में ही लगभग एक लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा दिया गया है।”
जोगाराम के मुताबिक, योजना में मांग के अनुरूप तत्काल प्रभाव से रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है और राज्य सरकार का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति आजीविका के लिए रोजगार से वंचित न रहे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी बजटीय घोषणा के अनुरूप नौ सितंबर को इस योजना की शुरुआत की थी। राज्य सरकार इसके तहत शहरी इलाकों में रह रहे जरूरतमंद परिवारों को साल में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दे रही है।
पहले साल, इसके लिए 800 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है और मुख्यमंत्री ने कहा है कि योजना के क्रियान्वयन में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
योजना से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, इसमें अकुशल श्रमिक की मजदूरी 259 रुपये प्रति दिवस, जबकि मेट का मानदेय 271 रुपये और कुशल श्रमिक की मजदूरी 283 रुपये प्रतिदिन निर्धारित की गई है। रोजगार प्राप्त करने वाले श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान भी निर्धारित अवधि में सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा।
जोगाराम ने कहा कि राजस्थान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ऐसी योजना शुरू करने वाला देश काा पहला राज्य है। इसमें शहरों के हर जरूरतमंद परिवार के 18 से 60 वर्ष के लोगों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
योजना में पर्यावरण सरंक्षण कार्य, जल संरक्षण संबंधी कार्य, स्वच्छता एवं साफ-सफाई संबंधित कार्य, संपत्ति विरूपण रोकने से संबंधित कार्य, सेवा संबंधित कार्य, विरासत संरक्षण संबंधित कार्य सहित अन्य कई तरह के कार्य शामिल किए गए हैं।
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