राजस्थान सरकार राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए काम कर रही: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, कृषि, चिकित्सा, सामाजिक सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है.
जयपुर, 22 नवंबर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, कृषि, चिकित्सा, सामाजिक सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है. गहलोत ने मंगलवार को पाली में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 19 राजकीय नर्सिंग महाविद्यालयों का शिलान्यास किया. पाली जिले में 350.50 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों का भी शिलान्यास एवं लोकार्पण किया. समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पाली-जोधपुर क्षेत्र को हमेशा महत्व दिया है.
उन्होंने कहा कि इन दोनों शहरों को ‘जुड़वां शहर’ के रूप में विकसित करने का भी लंबे समय से प्रयास रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा एवं पाली से गुजरता है. आने वाले समय में दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर के मारवाड़ जंक्शन-रोहट-जोधपुर नोड का कायाकल्प होगा व प्रदेश के औद्योगिकीकरण में यह क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस क्षेत्र के नजदीक ही रिफाइनरी के आने से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. यह भी पढ़ें : नए वीडियो में तिहाड़ जेल में फल और कच्ची सब्जियां खाते नजर आ रहे सत्येंद्र जैन
गहलोत ने इस दौरान बाड़मेर, बांसवाड़ा, कुम्हेर (भरतपुर), भीलवाड़ा, लालसोट (दौसा), धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जालौर, झुंझुनूं, करौली, नागौर, नाथद्वारा (राजसमंद), प्रतापगढ़, सीकर, सिरोही एवं टोंक नर्सिंग महाविद्यालयो का वर्चुअल एवं पाली व चित्तौड़गढ़ में भूमि पूजन कर कुल 19 नर्सिंग महाविद्यालयों का शिलान्यास किया . मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है. राजस्थान में लगभग 90 प्रतिशत परिवार स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत आते हैं, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत केवल 41 प्रतिशत है.