खेल की खबरें | बारिश ने भारत से जीत का मौका छीना, पहला टेस्ट ड्रॉ
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. लगातार बारिश के कारण भारत से इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में जीत का मौका छिन गया जब पांचवें और अंतिम दिन रविवार को यहां एक भी गेंद फेंके बिना दिन का खेल रद्द होने से दोनों टीमों को अंक बांटने पर बाध्य होना पड़ा।
नॉटिंघम, आठ अगस्त लगातार बारिश के कारण भारत से इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में जीत का मौका छिन गया जब पांचवें और अंतिम दिन रविवार को यहां एक भी गेंद फेंके बिना दिन का खेल रद्द होने से दोनों टीमों को अंक बांटने पर बाध्य होना पड़ा।
भारत को अंतिम दिन जीत के लिए 157 रन और बनाने थे जबकि उसके नौ विकेट शेष थे लेकिन लगातार बारिश के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी।
नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की अंक प्रणाली के तहत दोनों टीमों को चार-चार अंक मिले।
खराब मौसम के कारण पहले टेस्ट में संभावित 450 ओवरों में से 250 से कुछ अधिक ओवर ही फेंके जा सके। भारत को इंग्लैंड ने 209 रन का लक्ष्य दिया था जिसके जवाब में मेहमान टीम ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक एक विकेट पर 52 रन बना लिए थे।
मैच में काफी ओवर बारिश की भेंट चढ़ गया जिससे विराट कोहली और उनकी टीम से जीत दर्ज करके 12 अंक अपने नाम करने का मौका छिन गया।
आसमान में बादल छाए होने से सीम और स्विंग के अनुकूल हालात के बावजूद इंग्लैंड के लिए भारत को लक्ष्य हासिल करने से रोकना आसान नहीं होता।
लोकेश राहुल ने भारत की पहली पारी में 84 रन बनाकर दिखा दिया था कि इस पिच पर रन बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन पिच ऐसी नहीं थी कि इस पर बल्लेबाजी नहीं की जा सके।
भारत के लिए हालांकि पहले टेस्ट में काफी सकारात्मक पक्ष रहे।
भारत ने हाल के समय में 2007 और 2014 की श्रृंखला के अलावा इंग्लैंड में हमेशा पहला टेस्ट गंवाया है और इस लिहाज से यह नतीजा अच्छा कहा जा सकता है।
इंग्लैंड में ही 2018 में खराब फॉर्म के कारण राहुल ने टेस्ट टीम में अपनी जगह गंवा दी थी। उस दौरे के बाद उन्हें स्वदेश में वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला में भारतीय टीम में जगह नहीं मिली थी।
यहां तक कि ओवल में शतक के बावजूद वह टीम में अपनी जगह नहीं बचा पाए थे।
हालांकि जेम्स एंडरसन की कुछ गेंदों के बल्ले का किनारा लेकर स्लिप की ओर जाने के बावजूद पहले टेस्ट में राहुल काफी आश्वस्त दिखे।
बल्लेबाजी करते हुए राहुल का अनुशासन हालांकि काबिलेतारीफ रहा। वह शारीर के करीब खेलने के लिए तैयार थे और आफ स्टंप के बाहर की अधिकांश गेंदों से छेड़छाड़ नहीं की।
राहुल का प्रदर्शन सबसे सकारात्मक पक्ष रहा जो जसप्रीत बुमराह के योगदान को नकारा नहीं जा सकता जो मैच में नौ विकेट चटकाकर एक बार फिर लय में लौटे।
न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में बुमराह बिलकुल भी लय में नहीं थे। इसके अलावा आस्ट्रेलिया दौरे और स्वदेश में इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में भी उनका प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा।
पहले टेस्ट में बुमराह ने अपनी फुल लेंथ गेंदों से लगभग सभी बल्लेबाजों को परेशान किया। पिछले कुछ मैचों में बुमराह की यॉर्कर प्रभावी नहीं थी लेकिन इंग्लैंड की दूसरी पारी में उनके यॉर्कर सटीक थे।
टीम प्रबंधन ने इसके अलावा रविंद्र जडेजा को बल्लेबाजी आलराउंडर और शारदुल ठाकुर को अतिरिक्त तेज गेंदबाज के रूप में खिलाने का फैसला किया जो सही साबित हुआ।
शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को हालांकि 12 अगस्त से लार्ड्स में शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
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