रेलवे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए करीब 1.3 लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण बनाएगा
रेलवे ने बुधवार को बताया कि पूरे शरीर को ढंकने वाले संक्रमण रोधी सूट का नमूना तैयार हो गया है और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की ग्वालियर स्थित अधिकृत प्रयोगशाला ने उच्च स्तर पर जांच के बाद इसके निर्माण को मंजूरी भी दे दी है।
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए रेलवे इस महीने करीब 30 हजार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का उत्पादन करेगा जबकि अगले महीने एक लाख पीपीई का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है।
रेलवे ने बुधवार को बताया कि पूरे शरीर को ढंकने वाले संक्रमण रोधी सूट का नमूना तैयार हो गया है और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की ग्वालियर स्थित अधिकृत प्रयोगशाला ने उच्च स्तर पर जांच के बाद इसके निर्माण को मंजूरी भी दे दी है।
रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘निर्माण इकाइयां, कार्यशाला और क्षेत्र में कार्यरत इकाइयों में कोविड-19 मरीजों का इलाज करने के दौरान उनके प्रत्यक्ष संपर्क में आने वाले चिकित्सा कर्मियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का निर्माण शुरू हो गया है।’’
बयान के मुताबिक, ‘‘ भारतीय रेलवे अप्रैल 2020 तक 30 हजार पीपीई बनाएगा जबकि मई 2020 में एक लाख पीपीई का निर्माण करने की योजना है।’’
रेलवे ने बताया कि उत्तर रेलवे के जगाधरी कार्यशाला ने पीपीई के नमूनों को डिजाइन करने और निर्माण करने की पहल की।
बयान में कहा गया कि पीपीई के नमूने का परीक्षण ग्वालियर में डीआरडीओ की रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डीआरडीई) प्रयोगशाला में किया गया। यह प्रयोगशाला इस तरह का परीक्षण करने के लिए अधिकृत है। डीआरडीई ने उच्च स्तर पर सभी परीक्षण कर इसके निर्माण को मंजूरी दी है।
रेलवे ने बताया कि 30 हजार पीपीई निर्माण के लिए कार्यशालाओं और अन्य इकाइयों में पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल है। उत्पादन शुरू हो गया है और रेलवे के डॉक्टर ही इन पीपीई का इस्तेमाल करेंगे।
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