चीन को हो सकता था फायदा, इसलिए रेलवे ने रद्द किया थर्मल कैमरों के लिए टेंडर
रेलवे ने थर्मल कैमरा खरीदने के लिये निविदा को रद्द कर दिया है. विभिन्न विक्रेताओं से मिली प्रतिक्रिया के बाद यह कदम उठाया गया है. उनका कहना था कि उपकरण की खरीद को लेकर जो चीजें मांगी गयी हैं, उससे चीनी कंपनियों को लाभ होगा. रेलवे का उपक्रम रेल टेल ने पिछले महीने 800 कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित निगरानी कैमरे के लिये निविदा जारी की थी.
नई दिल्ली, 2 जुलाई: रेलवे ने थर्मल कैमरा खरीदने के लिये निविदा को रद्द कर दिया है. विभिन्न विक्रेताओं से मिली प्रतिक्रिया के बाद यह कदम उठाया गया है. उनका कहना था कि उपकरण की खरीद को लेकर जो चीजें मांगी गयी हैं, उससे चीनी कंपनियों को लाभ होगा. रेलवे का उपक्रम रेल टेल ने पिछले महीने 800 कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित निगरानी कैमरे के लिये निविदा जारी की थी. ऐसे कैमरे शरीर का तापमान मापने के साथ यह भी पता लगा सकते हैं कि व्यक्ति ने मास्क पहना है या नहीं.
रेलटेल के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि कंपनी ने पैनल में शामिल कारोबारी इकाइयों के लिये रूचि पत्र आमंत्रित किये थे. सूत्रों के अनुसार हालांकि कई भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के पत्र के बाद निविदा को रद् कर दिया गया. पत्रों में आशंका जतायी गयी थी कि उपकरण की खरीद को लेकर जो चीजें मांगी गयी हैं, उससे चीन की कंपनी हिकविजन को लाभ मिल सकता है. हिकविजन दुनिया की सबसे बड़ी वीडियो निगरानी कंपनी है. कंपनी का फिलहाल भारत के सीसीटीवी बाजार पर दबदबा है.
उनका कहना था कि कैमरे के लिये निविदा दस्तावेज में प्रौद्योगिकी डीप इन माइंड’ का जिक्र किया गया था. यह प्रौद्योगिकी हिकविजन की विशेषता है और उस पर उसका मालिकाना हक है. पीटीआई- को मिले एक आपूर्तिकर्ता के पत्र के अनुसार, "कैमरे के लिये जो विशेषताएं मांगी गयी हैं, वह हिकविजन, स्पेक्स जैसी चीनी विनिर्माताओं के पक्ष में है. इसमें ‘डीप इन माइंड’ प्रौद्योगिकी का जिक्र है, जिस पर हिकविजन एनवीआर का मालिकाना हक है.’’