देश की खबरें | विपक्षी पार्टियों को साथ लाने के लिए राहुल को पवार के साथ मिलकर काम करना चाहिए : शिवसेना

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का सामना करने के मकसद से सभी विपक्षी पार्टियों को साथ लाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

मुंबई, 24 जून शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का सामना करने के मकसद से सभी विपक्षी पार्टियों को साथ लाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया, “गांधी केंद्र पर और उसकी नीतियों पर निशाना साधते हैं लेकिन ट्विटर पर।”

महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करने वाली शिवसेना ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाव-भाव बदल गए हैं।

इसने कहा, “उन्हें पता है कि देश में स्थिति उनके हाथों से निकल गई है। लोगों के आक्रोश के बावजूद, भाजपा और सरकार को आत्मविश्वास है कि उनके सामने कोई खतरा नहीं है क्योंकि विपक्ष कमजोर एवं अलग-थलग है।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ तीसरे मोर्चे की संभावना की तेज होती अटकलों के बीच पवार ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल और लेफ्ट समेत आठ विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ दिल्ली स्थित अपने आवास पर मंगलवार को बैठक की थी।

हालांकि, चर्चाओं में हिस्सा लेने वाले नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय मंच द्वारा एक जैसा सोचने वाले व्यक्तियों की “गैर राजनीतिक” बैठक थी। राष्ट्रीय मंच को पूर्व वित्त मंत्री एवं टीएमसी उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बनाया है।

बृहस्पतिवार को प्रकाशित शिवसेना के संपादकीय में कहा गया, “राहुल गांधी को सभी विपक्षी पार्टियों को साथ लाने के लिए पवार के साथ हाथ मिलाना चाहिए।”

इसमें राय दी गई कि विपक्षी नेताओं की चाय पार्टी का आयोजन गांधी को करना चाहिए था।

शिवसेना ने कहा, “शरद पवार सभी विपक्षी पार्टियों को साथ ला सकते हैं। लेकिन फिर, सवाल नेतृत्व का उठता है। अगर हम कांग्रेस से अगुवाई की उम्मीद करते हैं तो पार्टी खुद बिना किसी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चल रही है।”

इसने कहा कि यूपीए (कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) नाम का संगठन है लेकिन क्या देश के पास मजबूत एवं संगठित विपक्ष है? यह सवाल अब भी लंबित है।

इसने तंज कसने वाले अंदाज में टिप्पणी की, “शरद पवार के दिल्ली स्थित घर में राष्ट्रीय मंच की चाय पार्टी ने विपक्ष की सही स्थिति को दिखाया है।”

मराठी दैनिक ने कहा कि ढाई घंटे तक चली बैठक में कुछ नहीं निकला जबकि मीडिया में इसकी जोर-शोर से चर्चा थी।

इसने कहा, “बैठक के आयोजकों ने कहा कि सरकार के पास देश के सामने मौजूद कई अहम मुद्दों को सुलझाने का कोई नजरिया नहीं है और राष्ट्रीय मंच वह नजरिया सरकार को उपलब्ध कराएगी। बैठक के कारण, यह प्रकाश में आया कि राष्ट्रीय मंच नाम का कोई संगठन है जिसकी स्थापना यशवंत सिन्हा ने की है।”

संपादकीय में दावा किया गया कि बैठक में जो भी एकत्र हुए थे वे वो लोग थे जो “राजनीतिक कदम उठाने के बजाय चर्चा एवं बहस को प्राथमिकता देते हैं।”

इसमें कहा गया कि सबसे पहले इस बात पर विमर्श होना चाहिए कि क्या विपक्ष को केवल एक मुद्दे पर साथ आना चाहिए जो मोदी और भाजपा का विरोध है।

पार्टी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष जरूरी है। लेकिन ऐसा विपक्ष राष्ट्रीय स्तर पर “नदारद” है। हालांकि इसने यह भी कहा कि कई क्षेत्रीय पार्टियां भाजपा के खिलाफ खड़ी हुईं और उसे चुनाव में हराया भी है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\