देश की खबरें | राहुल भले ही ‘अनुपयोगी’ हों लेकिन विधायी कामकाज पर ‘अंकुश’ का प्रयास नहीं करना चाहिए: भाजपा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महंगाई के मुद्दे को लेकर विपक्ष के विरोध के चलते संसद की कार्यवाही बाधित होने के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ‘‘राजनीतिक रूप से अनुपयोगी’’ हो सकते हैं लेकिन उन्हें विधायिका के कामकाज पर अंकुश लगाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
नयी दिल्ली, 20 जुलाई महंगाई के मुद्दे को लेकर विपक्ष के विरोध के चलते संसद की कार्यवाही बाधित होने के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ‘‘राजनीतिक रूप से अनुपयोगी’’ हो सकते हैं लेकिन उन्हें विधायिका के कामकाज पर अंकुश लगाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ है लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने और बढ़ती महंगाई जैसे मुद्दों पर कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों के विरोध के चलते दोनों सदनों में अब तक कामकाज सुचारू रूप से नहीं हो सका है।
सरकार और विपक्ष दोनों ने एक दूसरे पर देश से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया है।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में गांधी पूर्व में भी संसदीय कार्यवाहियों और परंपरा के प्रति असम्मान दिखा चुके हैं और अब वह लोकसभा कामकाज पर भी अंकुश लगाने पर अड़े हैं।
ईरानी ने कहा कि वर्ष 2004 से 2019 के बीच अमेठी के सांसद के तौर पर राहुल गांधी ने संसद में एक भी प्रश्न नहीं उठाया और जब उन्होंने संसदीय क्षेत्र को ‘‘छोड़’’ दिया और वायनाड़ के सांसद बन गए तब लोकसभा में 2019 में शीतकालीन सत्र में उनकी उपस्थिति 40 प्रतिशत से भी कम थी।
वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी को हरा चुकीं ईरानी ने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने सदन में कभी कोई निजी विधेयक भी पेश नहीं किया।
ईरानी ने गांधी की विदेश यात्राओं पर भी कटाक्ष किया और कहा कि यह उनकी अपनी ही पार्टी में चिंता का विषय बन गया है।
उन्होंने कहा ‘‘अपने राजनीतिक जीवन में गांधी पूर्व में भी संसदीय कार्यवाहियों और परंपरा के प्रति असम्मान दिखा चुके हैं और अब वह यह सुनिचित करने के लिए स्वयं को समर्पित कर चुके हें कि न तो संसदीय कार्यवाही हो और न ही कोई बहस हो।’’
ईरानी ने कहा ‘‘वह राजनीतिक तौर पर अनुपयोगी हो सकते हैं, लेकिन उनसे मैं कहना चाहती हूं कि वो संसद की उत्पादकता पर अंकुश लगाने की कोशिश निरंतर न करें।’’
उन्होंने कहा कि भारत की संसद, भारत की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं का प्रतीक है। देश की जनता ये चाहती है कि संसद में उन विषयों पर चर्चा हो, जो देश के हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है।
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