देश की खबरें | राहुल गांधी को साजिश के तहत लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया: गहलोत
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जयपुर/कोटा, एक अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना एक साजिश का हिस्सा था, जो उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की ‘‘भारी सफलता’’ के बाद रची गई थी।
गहलोत ने गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर फिर निशाना साधते हुए कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता से घबराकर ही उनके निष्कासन का षड्यंत्र रचा गया। उन्होंने कहा कि इसके नतीजे भाजपा को भुगतने पड़ेंगे।
गहलोत जयपुर में संभाग स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी को 2019 में ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी करने के मामले में सूरत की अदालत ने मानहानि का दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी जिसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया था।
मुख्यमंत्री ने कोटा में भी आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कोटा से सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दबाव में थे और वह राहुल गांधी को सदन में बोलने की अनुमति नहीं दे रहे थे।
उन्होंने गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के मुद्दे पर कहा, ‘‘राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक वैमन्स्य और गरीब-अमीर के बीच बढ़ती खाई प्रमुख मुद्दे थे। कुछ लोग राहुल गांधी के व्यक्तित्व और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता से चिंतित थे और इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची।’’
गहलोत ने कहा कि आजादी की लड़ाई में त्याग, बलिदान करने वाली कांग्रेस को भाजपा और आरएसएस से राष्ट्रीयता सीखने की जरूरत नहीं है।
देश की आजादी में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के योगदान पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा, ‘‘इन (भाजपा और आरएसएस) के नेताओं ने एक अंगुली तक नहीं कटवाई। ये हिंदुस्तान और राष्ट्रीयता की बात करते हैं ... हम राष्ट्रीयता इनसे सीखेंगे। जिन्होंने देश को आजाद करवाया, वे इनसे सीखेंगे कि राष्ट्रीयता क्या होती है।’’
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निष्कासन एवं सत्ता में वापसी करने का उदाहरण देते हुए गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के नतीजे इन लोगों को भुगतने पड़ेंगे।
गहलोत ने कहा, ‘‘अब वे कहते हैं कि विपक्ष एकजुट क्यों हो गया। आपके पेट में दर्द क्यों होता है। अगर विपक्ष एकजुट हो गया तो यह एक शुभ संकेत है। सत्ता में बैठे हुए लोगों को लोकतंत्र में यकीन नहीं है। आरएसएस की विचारधारा कभी लोकतंत्र में विश्वास की नहीं रही है।’’
उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर देश को कमजोर करने का आरोप लगाया।
गहलोत ने पंजाब में अमृतपाल सिंह जैसे अलगाववादियों के उदय के लिए भाजपा और आरएसएस की ‘हिंदू राष्ट्र’ की विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने दावा किया कि गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने से पहले सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा था और इस मुद्दे पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी संपर्क किया था।
उन्होंने कहा कि लेकिन कांग्रेस नेता को माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया और इसका मतलब है कि ‘‘ओम बिरला जी दबाव में थे और अगर वह अपने और राजस्थान के मान सम्मान के प्रति सजग होते तो उनका भाव अलग होता।’’
गहलोत ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सी. पी. जोशी का संदर्भ देते हुए कहा कि वह सत्ता और विपक्ष के सदस्यों से जुड़े मामलों को निष्पक्षता से निपटाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जो सदन के अध्यक्ष होते हैं वे पार्टी के सदस्य नहीं रहते।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष बिरला को निष्पक्षता से काम करना चाहिए लेकिन वह निष्पक्षता से काम नहीं कर सके और वह दबाव में काम कर रहे हैं।’’
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