जयपुर, चार दिसम्बर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने गुणवत्तापूर्ण कानूनी शिक्षा को इस समय की बड़ी आवश्यकता बताते हुए नागरिकों में विधिक चेतना के लिए प्रभावी प्रयास किए जाने पर जोर दिया है।
मिश्र शुक्रवार को बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में विधि एवं सामाजिक विज्ञान भवन के ऑनलाइन लोकार्पण समारोह में सम्बोधित कर रहे थे।
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विधि शिक्षा के विकास के लिए सैद्धान्तिकी के साथ व्यावहारिकी ज्ञान को भी जरूरी करार देते हुये उन्होंने कहा कि विधि शिक्षा में विधि शिक्षकों के साथ न्यायाधीशों, विज्ञ वकीलों और न्याय व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों की भी आग्रह कर सेवाएं ली जानी चाहिए।
राज्यपाल ने नवीन शिक्षा नीति की मंशा को समझते हुए विश्वविद्यालयों में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों के क्रियान्वयन पर जोर दिया।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच पर आधारित लोकल फोर वोकल तथा आत्मनिर्भर भारत के लिए भी विश्वविद्यालय में वातावरण निर्माण किया जाए। मिश्र ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के साथ आधुनिकरण के प्रयास जरूरी हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में आईआईटी, एम्स, विधि विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना की चर्चा करते हुए कहा कि इन शिक्षण संस्थाओं से राजस्थान उच्च शिक्षा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जंहा एक साथ अल्प अवधि में 87 महाविद्यालय खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि 2019 में राज्य में 40 और 2021 मे 47 कॉलेज प्रदेश में खोले गए।
उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के बिगड़े स्तर को निरन्तर सुधारा गया। राजीव गांधी स्वर्ण जयंती विद्यालय और सभी 33 जिलों में महात्मा गांधी विद्यालय उत्कृष्ट शिक्षा केन्द्र के रूप में खोले गए हैं।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में 10 हजार लोगों को कौशल विकास से लाभान्वित किये जाने की ऐतिहासिक पहल की गई है।
वहीं ऊर्जा व जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने विद्यार्थियों को सीखने के लिए निरन्तर उत्सुक रहने का आह्वान किया।
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