विदेश की खबरें | पुतिन ने अपना कार्यकाल बढ़ाने वाले संविधान संशोधन को लागू करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. एक सप्ताह लंबे चले जनमत संग्रह के दौरान मतदाताओं द्वारा बदलावों को मंजूरी दिए जाने के बाद यह आदेश दिए गए हैं।
एक सप्ताह लंबे चले जनमत संग्रह के दौरान मतदाताओं द्वारा बदलावों को मंजूरी दिए जाने के बाद यह आदेश दिए गए हैं।
संविधान संशोधन के एक आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद पुतिन ने कहा, '' संशोधन लागू होते हैं। वे लोगों की इच्छा से ही प्रभावी हो जाते हैं, इसे लागू किए बिना ही।''
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संशोधन का मसौदा तैयार करने वाले सांसदों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान रूस के राष्ट्रपति ने कहा, '' बतौर एक देश, यह महत्वपूर्ण निर्णय हमने मिलकर लिया है।''
रूस की सरकार की ओर से जारी आदेश की प्रति के मुताबिक, संशोधन शनिवार से प्रभावी होंगे।
इन बदलावों के साथ ही पुतिन को वर्तमान कार्यकाल के बाद भी छह वर्ष के दो कार्यकाल के लिए अनुमति मिल जाएगी। उनका वर्तमान कार्यकाल 2024 में समाप्त होगा।
संशोधन के मुताबिक, समान-लिंग विवाह को भी अस्वीकार किया गया है। साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय नियमों पर रूसी कानून की प्रधानता पर जोर देता है।
पुतिन ने जनवरी में संविधान संशोधन का प्रस्ताव किया था। उन्होंने आगे भी अपने पद पर बरकरार रहने और अन्य मामलों को लेकर देशभर में जनमत संग्रह का आह्वान किया था। हालांकि, रूस की संसद में बदलावों पर मुहर लगने के बाद कानूनी रूप से जनमत संग्रह की कोई आवश्यकता नहीं थी।
शुरुआत में जनमत संग्रह के लिए 22 अप्रैल की तरीख तय की गई थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था।
इसके बाद मतदाताओं पर दबाव और अन्य अनियमित्ताओं के आरोपों के बीच बुधवार को मतदान पूरा हुआ था।
क्रेमलिन आलोचकों ने परिणामों की निंदा की थी। हालांकि, केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को इन आरोपों को खारिज कर दिया।
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