देश की खबरें | पंजाब के किसान संघों का मालगाड़ियों को चलने देने का निर्णय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पंजाब में किसान संघों ने तीन सप्ताह लंबे अपने ‘रेल रोको’ आंदोलन में नरमी लाते हुए राज्य में मालगाड़ियों को चलने देने की बुधवार को घोषणा की।
चंडीगढ़, 21 अक्टूबर पंजाब में किसान संघों ने तीन सप्ताह लंबे अपने ‘रेल रोको’ आंदोलन में नरमी लाते हुए राज्य में मालगाड़ियों को चलने देने की बुधवार को घोषणा की।
किसान नेता सतनाम सिंह ने कहा कि यह निर्णय कोयले और डायअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की कमी को ध्यान में रखते हुए किया गया।
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उन्होंने यहां कहा, ‘‘हमने आज से पांच नवम्बर तक केवल मालगाड़ियों को चलने देने का निर्णय किया है।’’
हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि वे राज्य में कुछ कॉरपोरेट, टोल प्लाजा और भाजपा नेताओं के आवासों के बाहर धरना जारी रखेंगे।
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भारतीय किसान यूनियन (दाकुन्डा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा, ‘‘आगामी कदम की घोषणा चार नवंबर को होने वाली बैठक में की जाएगी।’’
पंजाब सरकार राज्य में ताप विद्युत संयंत्रों के लिए कोयले की भारी कमी के मद्देनजर प्रदर्शनकारी किसानों से अपने रेल रोको आंदोलन को नरम करने का आग्रह कर रही थी।
कई औद्योगिक संगठनों ने भी आंदोलन के कारण अपना कच्चा माल नहीं मिलने की शिकायत की थी।
राज्य में किसानों ने कई किसान संघों के आह्वान पर एक अक्टूबर से रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया था। कुछ रेल पटरियां 24 सितंबर से अवरुद्ध थीं।
पंजाब विधानसभा द्वारा केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को पारित चार विधेयकों पर, भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि यह किसानों के आंदोलन की ‘‘बड़ी उपलब्धि’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा पहली बार हुआ है कि विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया गया और विधेयकों को किसानों के दबाव में पारित किया गया। यह किसानों के आंदोलन की एक बड़ी उपलब्धि है।’’
विधेयकों को पांच घंटे की चर्चा के बाद पारित किया गया, जिसमें भाजपा के विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया। विधानसभा में भाजपा के दो विधायक हैं। विपक्षी शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी (आप) और लोक इंसाफ पार्टी के विधायकों ने इनका समर्थन किया।
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