देश की खबरें | राजस्थान में बाल विवाह के विरूद्ध पांच हजार गांवों में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा : फाउंडेशन
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जयपुर, 28 सितम्बर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन राजस्थान में बाल विवाह रोकने के लिये पांच हजार गांवों में जन जागरूकता अभियान को आंदोलन के रूप में चलाएगा।
फाउंडेशन के निदेशक राजीव भारद्वाज ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि उनका संगठन राजस्थान में बाल विवाह के मुद्दे पर आंदोलन के रूप में अब काम शुरू कर रहा है तथा इसे (बाल विवाह) रोकने के लिये पांच हजार गांवों में जन जागरूकता अभियान को आंदोलन के रूप में चलाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि बुधवार को आयोजित ‘ बाल विवाह मुक्त भारत’ विषयक कार्यशाला का उद्देश्य ‘बाल विवाह की पूर्ण समाप्ति की ओर कदम बढाना’ है।
उन्होंने बताया कि जिन गावों में बाल विवाह होते हैं, इस अभियान के तहत संगठन के कार्यकर्ता उन गांवों में जायेगें । उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में 10 कार्यकर्ता घर-घर में जाकर बाल विवाह को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए जन जागरूकता आंदोलन के साथ संबंधी कानून का इस्तेमाल जरूरी है और सामाजिक जागरूकता के बावजूद जो लोग इसमें शामिल हैं उनको सजा दिलाई जाए तभी इसे रोका जा सकता है।
इससे पूर्व कार्यशाला को संबोधित करते हुए राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव समित शर्मा ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिये कानून का भय दिखाने के साथ साथ लोगों को बालिकाओं की शिक्षा और इसके (बाल विवाह के) दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करने आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि बालिकाओं को बोझ न समझा जाये ।
फाउंडेशन के निदेशक ने बताया कि राजस्थान में पिछले एक दशक में बाल विवाह में 10 प्रतिशत की कमी आई हैं।
कार्यशाला में अपना बाल विवाह रुकवा कर पढाई करने वाली तारा बंजारा ने बताया कि उनकी जाति में 12 वीं कक्षा पास करने वाली वह पहली महिला बनी गई हैं तथा वह आगे पढ़ाई करके पुलिस अधिकारी बनना चाहती हैं।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए वह संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ गांव गांव जाकर लोगों को समझाती हैं। उन्होंने कहा कि गांव वाले उन्हें डांटते हैं लेकिन उसके बावजूद वह उन्हें बाल विवाह रोकने के लिये जागरूक करने का प्रयास करती हैं।
कुंज
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