देश की खबरें | भाजपा सरकार के नौ जिलों को समाप्त करने के फैसले पर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन जारी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के राज्य के नौ जिलों को समाप्त करने के फैसले के विरोध में सोमवार को भी कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
जयपुर, 30 दिसंबर राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के राज्य के नौ जिलों को समाप्त करने के फैसले के विरोध में सोमवार को भी कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
जिलों को वापस बहाल नहीं करने तक विपक्षी कांग्रेस समेत अन्य संगठनों और निरस्त हुए जिलों के स्थानीय लोगों ने बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। सरकार के फैसले के खिलाफ रविवार से ही धरने प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
सांचौर में राज्य के पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई के नेतृत्व में जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर महापड़ाव किया गया। व्यापार मंडल के आह्वान पर शहर के बाजार सोमवार को बंद रखे गए। सभी लोग कलेक्ट्रेट के बाहर सड़क पर बैठ गए।
शाहपुरा में भी सोमवार को विभिन्न संगठनों ने सरकार के फैसले का विरोध किया और बाद में उपखंड अधिकारी को इसे बहाल करने के लिये एक ज्ञापन दिया।
अनूपगढ में कई संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन जारी है। यहां विभिन्न संगठनों की ओर से कलेक्ट्रेट के बाहर सभा की गई।
नीम का थाना में स्थानीय विधायक सुरेश मोदी के नेतृत्व में लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिले का दर्जा बहाल करने से संबंधित एक ज्ञापन दिया।
विधायक सुरेश मोदी ने कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की है कि नीम का थाना जिले की जनता की भावनाओं को ध्यान में रखा जाए और इस जिले को निरस्त करने का जो आदेश दिया गया है उसे वापस लिया जाए और इस जिले को यथावत रखा जाए।’’
राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक में पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा गठित नौ जिलों व तीन नए संभागों को भी खत्म करने का फैसला किया था। राज्य की पिछली अशोक गहलोत सरकार ने 17 नए जिले व तीन नए संभाग बनाने की अधिसूचना जारी की थी।
मंत्रिमंडल की बैठक में नौ जिलों अनूपगढ़, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीम का थाना, सांचौर व शाहपुरा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार के जिलों को निरस्त करने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय बताते हुए रविवार को कहा था, “फैसला राजस्थान के हित में नहीं हुआ है..दीर्घकाल में भी उचित नहीं है.. मध्यप्रदेश हमसे छोटा राज्य है वहां पर 53 जिले है जबकि राजस्थान में अब केवल 41 जिले हैं।”
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