नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि अभियोजन पक्ष ने छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम की उस याचिका पर सुनवाई लगातार स्थगित करने का अनुरोध किया है, जिसमें उसने आपत्तिजनक भाषण मामले में दाखिल पूरक आरोपपत्र को रद्द करने का आग्रह किया है।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने कहा कि मामले में पैरवी करने वाले अभियोजक चार-पांच बार से पेश नहीं हो रहे हैं।
यह मामला दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में इमाम की ओर से दिए गए एक कथित आपत्तिजनक भाषण से संबंधित है।
न्यायमूर्ति ओहरी ने टिप्पणी की, “पिछले चार-पांच मौकों पर वह उपस्थित नहीं हुए हैं।” इसके बाद राज्य के प्रॉक्सी वकील ने अंतिम अवसर मांगा।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी, 2025 की तारीख तय की।
उच्च न्यायालय ने जून 2023 में याचिका पर नोटिस जारी किया था और अभियोजन पक्ष को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय दिया था।
मामले में पहला पूरक आरोपपत्र 16 अप्रैल 2020 को दाखिल किया गया था, जिसके बाद इमाम ने आपत्तिजनक भाषण के अलावा राजद्रोह की धारा जोड़े जाने को चुनौती दी थी, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी।
वकील ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान इमाम के दो भाषणों के संबंध में समान अपराधों के लिए दिल्ली पुलिस ने पहले ही एक अलग प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें मौजूदा मामले में विचाराधीन भाषण भी शामिल है।
याचिका में सुनवाई अदालत को मामले में लगाए गए अन्य सभी आरोपों के संबंध में सुनवाई जारी रखने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
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