देश की खबरें | नई शिक्षा नीति के तहत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन हो: राज्यपाल
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में शिक्षा की महती भूमिका बताते हुए विश्वविद्यालयों में अध्ययन—अध्यापन के साथ—साथ विद्यार्थियों के कौशल विकास पर भी आधिकारिक ध्यान दिए जाने का आह्वान किया है।
जयपुर, पांच अप्रैल राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में शिक्षा की महती भूमिका बताते हुए विश्वविद्यालयों में अध्ययन—अध्यापन के साथ—साथ विद्यार्थियों के कौशल विकास पर भी आधिकारिक ध्यान दिए जाने का आह्वान किया है।
मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे पाठ्यक्रमों का निर्माण कर उनका प्रभावी प्रसार करे जिससे विद्यार्थी निरंतर नया सीखने और व्यावसायिक दृष्टि से अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रवृत हो सके।
राज्यपाल बुधवार को महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने सबके लिए आसान पहुंच, गुणवत्ता के साथ जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सीखना ही शिक्षा का विज्ञान होना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालयों को पढ़ाने की अपनी भूमिका के साथ समाज और राष्ट्र की प्रगति तथा युवाओं के मार्गदर्शन के लिए भी निरंतर कार्य किए जाने का आह्वान किया।
एक बयान के अनुसार राज्यपाल ने प्राचीन भारत के नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला जैसे प्रख्यात विश्वविद्यालयों की चर्चा करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों के साथ ही जीवन से जुड़ी व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करते थे। इसी बात की आज भी जरूरत है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में बेटियों के उम्दा प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें अधिकाधिक अवसर पद्रान करने की आवश्यकता जताई।
समारोह में नोबल अवार्ड विजेता प्रो. रोजर डी कार्नवर्ब, अमेरिका की डेनवर यूनिवर्सिटी के प्रो. वेद प्रकाश नंदा,सेका गाकी इन्टरनेशनल जपान के अध्यक्ष डॉ. दायसादू इकेता, भारत के महान्यायवादी आर. वेंकटरमणी तथा न्यायमूर्ति डॉ. दलवीर भण्डारी को मानद डॉक्टरेट उपाधियां प्रदान की गई।
मिश्र ने 2020 के शेष रहे तथा वर्ष 2021 के 40 हजार 541 विद्यार्थियों को उपाधियां, एक कुलाधिपति पदक, समाज द्वारा प्रदत्त 3 पदक, 31 स्वर्ण तथा 10 रजत पदकों सहित कुल 45 पदक भी प्रदान किए।
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