जरुरी जानकारी | अप्रैल-जून में निजी खपत में बढ़ोतरी, ग्रामीण मांग में सुधार से संचालित होगी वृद्धि: आरबीआई लेख
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश की आर्थिक वृद्धि अप्रैल-जून तिमाही में निजी खपत में बढ़ोतरी से संचालित होगी। साथ ही इसे ग्रामीण मांग में सुधार और विनिर्माण क्षेत्र में उछाल से समर्थन मिलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के एक लेख में यह बात कही गई।
मुंबई, 22 मई देश की आर्थिक वृद्धि अप्रैल-जून तिमाही में निजी खपत में बढ़ोतरी से संचालित होगी। साथ ही इसे ग्रामीण मांग में सुधार और विनिर्माण क्षेत्र में उछाल से समर्थन मिलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के एक लेख में यह बात कही गई।
सोमवार को जारी हुए इस लेख के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति से जूझ रही है और वैश्विक वित्तीय बाजारों में एक असहज शांति बनी हुई है। बाजार बैंकिंग विनियमन और जमा बीमा पर नीति अधिकारियों से स्पष्ट संकेतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
'अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर लेख में कहा गया कि अप्रैल और मई के पहले पखवाड़े में घरेलू आर्थिक दशाओं ने 2022-23 की अंतिम तिमाही की गति को बनाए रखा है।
नवंबर 2021 के बाद पहली बार उपभोक्ता कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल 2023 में पांच प्रतिशत से नीचे आ गई। कॉरपोरेट आय उम्मीद से बेहतर है और बैंकिंग तथा वित्तीय क्षेत्रों में प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है।
लेख के मुताबिक, ''2023-24 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि निजी खपत से संचालित होने की उम्मीद है। इसे ग्रामीण मांग और सेवा क्षेत्र में सुधार से समर्थन मिलेगा।''
लेख को आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा के नेतृत्व वाली टीम ने लिखा है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
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