नयी दिल्ली/ काठमांडू, 10 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नेपाली समकक्ष केपी ओली के साथ शुक्रवार को कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर चर्चा की और इस दौरान दोनों नेताओं ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और बढ़ाने पर सहमति जताई। फोन पर हुई इस बातचीत के दौरान उन्होंने लॉकडाउन की वजह से दोनों देशों में फंसे एक -दूसरे के नागरिकों की देखभाल की जरूरत को भी रेखांकित किया गया।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ आज नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से बात की । हमने कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की । ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस चुनौती से निपटने में नेपाल के लोगों की प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं। हम कोविड-19 के खिलाफ हमारी साझी लड़ाई में नेपाल के साथ एकजुट खड़े हैं।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने जारी कोविड-19 संकट और इससे दोनों देशों के नागरिकों एवं क्षेत्र के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के समक्ष चुनौतियों पर अपने विचारों को साझा किया। उन्होंने इस महामारी से निपटने के लिए संबंधित देशों में उठाये गए कदमों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ओली के नेतृत्व में नेपाल सरकार द्वारा संकट की प्रतिक्रिया एवं प्रबंधन तथा इस चुनौती से लड़ने में नेपाल के लोगों के मजबूत संकल्प की सराहना की।
बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ओली ने दक्षेस देशों के बीच महामारी से निपटने में समन्वय स्थापित करने में प्रधानमंत्री मोदी की पहल की एक बार फिर सराहना की । उन्होंने भारत द्वारा नेपाल को दी गई द्विपक्षीय सहायता के लिए भी धन्यवाद व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस वैश्विक महामारी से लड़ने के नेपाल के प्रयासों के लिए सभी संभव समर्थन एवं सहायता सुनिश्चित करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि उनके विशेषज्ञ एवं अधिकारी अनिवार्य वस्तुओं की सीमा पार आपूर्तियों को सुगम बनाने सहित कोविड-19 की स्थिति से उत्पन्न अन्य सभी मुद्दों पर परस्पर गहन परामर्श एवं समन्वय करते रहेंगे।
ओली ने मोदी से बातचीत के बाद ट्वीट किया, ‘‘ हम कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने एक दूसरे की सीमा पर फंसे नागरिकों की देखभाल की जरूरत पर बल दिया जो दोनों देशों में लागू लॉकडाउन की वजह से फंसे हैं।’’
उल्लेखनीय है कि सैकड़ो नेपाली जिनमें अधिकतर प्रवासी मजदूर हैं नेपाल की सीमा से लगते भारतीय क्षेत्र में लॉकडाउन की वजह से फंसे हैं। इनमें से अधिकतर पश्चिमी नेपाल के रहने वाले हैं जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में काम करते थे और अब वापस घर जाने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया है जिसकी वजह से वे सीमा पर ही फंस गए हैं।
मोदी और ओली ने समान की आपूर्ति जारी रखने एवं इसे और सुगम बनाने पर भी चर्चा की।
ओली ने कहा, ‘‘मैं दवाओं सहित विभिन्न मदद के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।’’
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की और इसे रोकने के प्रयास को और बढ़ाने पर सहमत हुए।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ दोनों देशों में लॉकडाउन की पृष्ठभूमि में दोनों प्रधानमंत्री एक दूसरे की सीमा पर फंसे अपने नागरिकों के कल्याण और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सहमत हुए।’’
नेपाली विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों प्रधानमंत्रियों ने सीमा के दोनो ओर आवश्यक सामग्री की निर्बाध आपूर्ति पर भी संतोष जताया और मौजूदा परिस्थितियों में इसे बनाए रखने की जरूरत को रेखांकित किया।’’
विज्ञप्ति के मुताबिक प्रधानमंत्री ओली ने भारत में कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वालों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
विदेश मंत्रालय ने बताया, ‘‘ चर्चा के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-नेपाल के बीच मौजूदा बहु स्तरीय दोस्ताना संबंधों को और सुदृढ़ एवं मजबूत करने पर बल दिया।’’
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