बारासात (पश्चिम बंगाल), 12 मई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर संदेशखालि के बारे में लगातार ‘‘झूठ फैलाने’’ का आरोप लगाते हुए रविवार को सवाल किया कि वह राज्यपाल सी वी आनंद बोस के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोपों पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं और उनसे इस्तीफा देने के लिए क्यों नहीं कहा जा रहा है।
उत्तर 24 परगना के अमदंगा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री को शर्म आनी चाहिए कि संदेशखालि के बारे में ‘‘भाजपा की साजिश’’ उजागर हो गई है।
अमदंगा बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बनर्जी ने एक वीडियो का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री अभी भी संदेशखालि के बारे में झूठ बोल रहे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए क्योंकि भाजपा की साजिश अब उजागर हो गई है।’’
वीडियो में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेता कथित तौर पर यह कहते दिखते हैं कि 70 से अधिक महिलाओं को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए 2,000 रुपये मिले थे। शेख पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप है।
पूर्व में एक वीडियो क्लिप में भाजपा के संदेशखालि मंडल अध्यक्ष गंगाधर कयाल से मिलते-जुलते एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना गया था कि विरोध प्रदर्शन नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के इशारे पर किया गया था, जो ‘‘पूरी साजिश’’ के लिए जिम्मेदार हैं।
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि टीएमसी के गुंडे दोषियों को बचाने के लिए संदेशखालि की पीड़ित महिलाओं को धमकी दे रहे हैं।
मोदी ने आरोप लगाया, ‘‘हम सभी ने देखा है कि टीएमसी ने संदेशखालि की बहनों और माताओं के साथ क्या किया है। टीएमसी के गुंडे अब संदेशखालि में महिलाओं को धमकी दे रहे हैं क्योंकि मुख्य अपराधी का नाम शाहजहां शेख है। टीएमसी संदेशखालि के दोषियों को बचाने के लिए सबकुछ कर रही है।’’
बनर्जी ने कहा कि राजभवन की एक कर्मचारी द्वारा छेड़छाड़ के आरोपी राज्यपाल के खिलाफ केंद्र की निष्क्रियता भाजपा के ‘‘महिला विरोधी चरित्र’’ को दर्शाती है। मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने राजभवन में रात्रि प्रवास के दौरान राज्यपाल से इस्तीफा देने के लिए क्यों नहीं कहा?’’
मोदी शनिवार को कोलकाता पहुंचे और रात में राजभवन में ठहरने के बाद रविवार सुबह राज्य में प्रचार अभियान शुरू किया।
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