देश की खबरें | डाक विरासत प्रेमियों ने पीएमसीएच की ऐतिहासिक इमारत को बचाने की अपील की; जहां आए थे गांधी

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पटना, 22 दिसंबर गांधीवादियों और इतिहास प्रेमियों के बाद डाक विरासत में रूचि रखने वाले कई लोग भी पटना स्थित पीएमसीएच की एक सदी से अधिक पुरानी ऐतिहासिक इमारत को संरक्षित करने की मांग कर रहे हैं जहां महात्मा गांधी भारत की आजादी से तीन महीने पहले आये थे।

पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) की व्यापक पुनर्विकास परियोजना के तहत पुराने पटना जनरल अस्पताल (जिसे पहले बांकीपुर जनरल अस्पताल कहा जाता था) की इमारत को तोड़ा जाना है, जिसमें एक दुर्लभ ब्रिटिशकालीन लिफ्ट भी है, और इस इमारत का अग्रभाग कई ऊंचे भव्य डोरिक स्तंभों से अलंकृत हैं।

पंद्रह मई, 1947 को गांधीजी अपनी पोती मनु की सर्जरी के लिए इस ऐतिहासिक अस्पताल में आए थे, और अभिलेखागार से ली गई एक दुर्लभ श्वेत-श्याम तस्वीर, जिसमें बापू ऑपरेशन थियेटर में एक कुर्सी पर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं, एक नई पुस्तक में प्रकाशित हुई है।

‘पोस्टल हेरिटेज ऑफ बिहार: ए जर्नी ऑफ इंडिया पोस्ट बिहार थ्रू स्टैम्पस’ शीर्षक से इस पुस्तक का विमोचन हाल में पटना में आयोजित बिहार फिलाटेली प्रदर्शनी (बी पेक्स 2024) में किया गया, जिसमें दुनिया के कुछ सबसे पुराने और दुर्लभतम टिकटों को प्रदर्शित किया गया था। इनमें अजीमाबाद (अब पटना) के 1774 में जारी किये तांबे के टिकट की मूल प्रतियां, पेनी ब्लैक, सिंध डॉक और अत्यंत दुर्लभ - ब्रिटिश गुयाना टिकट: वन सेंट मैजेंटा शामिल थे।

बिहार सर्किल के मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार ने कहा कि यह राज्य में आयोजित अब तक का सबसे बड़ा बी-पेक्स था।

कुमार ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘लगभग 400 फ्रेम 120 विषयों के साथ प्रदर्शित किए गए थे, जिसमें 20,000-25,000 तक डाक टिकट (स्टाम्प) थे। इनमें गांधी डाक टिकटों पर एक विशेष खंड शामिल था, साथ ही 1947 में भारत की स्वतंत्रता के मौके पर जारी किए गए डाकट टिकट भी शामिल थे।’’

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