देश की खबरें | पोंजी योजना संचालक को बैंक खातों में मिले 360 करोड़ रुपये, अदालत का अग्रिम जमानत देने से इनकार

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अहमदाबाद, 23 दिसंबर गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को करोड़ों रुपये के पोंजी स्कीम घोटाले में कुछ क्रिकेटरों से लेकर स्कूल शिक्षकों समेत निवेशकों को ठगने के आरोपी भूपेंद्र सिंह जाला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति एम.आर. मेंगडे की एकल पीठ ने कहा कि वह जाला की याचिका को स्वीकार करने की इच्छुक नहीं हैं तथा दोनों पक्षों को सुनने के बाद इसे खारिज कर दिया।

अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि जाला को अलग-अलग खातों में 360 करोड़ रुपये मिले थे, जिसे उसने निकाल लिया। जब उसके खाते से लेन-देन पर रोक लगायी गयी तब उसमें केवल एक करोड़ रुपये थे।

जाला को किसी भी तरह की राहत दिए जाने का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि कथित घोटाले के पैमाने का पता लगाने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है।

पुलिस ने बताया कि कथित घोटाला नवंबर में उजागर हुआ था, जब राज्य सीआईडी ​​को जाला के बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन का पता चला था। जाला ने जमा राशि पर 36 प्रतिशत लाभ का वादा करके लोगों को कथित तौर पर धोखा दिया था।

जांच से पता चला कि बीजेड फाइनेंशियल सर्विस सहित जाला की चार संस्थाओं से जुड़े चार बैंक खातों में 2020 और 2024 के बीच 360.72 करोड़ रुपये आए, जिसमें से उसने 100 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नौ करोड़ रुपये की पांच लग्जरी कारों सहित 17 संपत्तियां खरीदने के लिए किया।

पुलिस ने बताया कि साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर तालुका निवासी जाला द्वारा शुरू की गई इस योजना में पांच से छह क्रिकेटर और कई स्कूल शिक्षक निवेशकों में शामिल थे।

सीआईडी ​​ने बताया कि पुलिस को एक गुमनाम आवेदन के माध्यम से सूचना मिली थी जिसके बाद पिछले महीने जाला की गतिविधियों पर नजर रखी। प्रथम दृष्टया, उसने उत्तर गुजरात, गांधीनगर और वडोदरा में कार्यालय खोले थे, ताकि अनजान लोगों से जमा राशि एकत्र की जा सके।

इस मामले में प्राथमिकी 27 नवंबर, 2024 को दर्ज की गई थी।

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