नयी दिल्ली, 30 जनवरी उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत कुछ पड़ोसी देशों के साथ पीएम गतिशक्ति पहल को बिना किसी शुल्क के साझा करेगा। यह ठीक उसी तरह से होगा, जैसा कि यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के मामले में हुआ है।
यह पहल लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए एक एकीकृत बुनियादी ढांचा विकसित करने के मकसद से शुरू की गई है।
डीपीआईआईटी सचिव ने कहा कि जैसे भारत ने सात देशों में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) शुरू किया है, वैसे ही पीएम गतिशक्ति पहल को भी प्रदर्शित करने की योजना है।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम इसे प्रदर्शित करना चाहते हैं और वैश्विक दक्षिण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के तहत इसे अपने कुछ पड़ोसी देशों और अंततः वैश्विक दक्षिण के अन्य देशों में बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराना चाहते हैं।’’
पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर जमीन, बंदरगाह, जंगल और राजमार्गों से संबंधित कई आंकड़े उपलब्ध हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि विभाग भारत के सभी जिलों में क्षेत्रीय नियोजन के लिए पोर्टल का उपयोग बढ़ाने को लेकर काम कर रहा है।
क्षेत्रीय नियोजन में बांध या बंदरगाह जैसी परियोजनाओं के आसपास कुछ खास प्रकार के बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है।
सिंह ने कहा, ‘‘इसके पीछे सोच यह है कि उस निवेश से जुड़े भीतरी इलाकों के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा सुनिश्चित की जाए। हमने इसे शुरू किया है। हमारी इसे सभी जिलों में शुरू करने की योजना है ताकि मंच के जरिये सभी जिला कलेक्टरों तक आंकड़ों की पहुंच हो।’’
इससे उन्हें अपने क्षेत्रों में स्कूल और अस्पताल जैसे सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बेहतर तरीके से योजना बनाने में मदद मिलेगी।
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