देश की खबरें | किसान प्रदर्शन : चिल्ला बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई गई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह जाम करने की चेतावनी देने के बाद प्रमुख बॉर्डर पर बुधवार को सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 16 दिसम्बर केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह जाम करने की चेतावनी देने के बाद प्रमुख बॉर्डर पर बुधवार को सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चिल्ला बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कंक्रीट के अवरोधकों सिहत जर्सी बैरियर भी लगाए गए हैं और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं।

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किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा था कि वह सरकार से नए कानूनों को वापस ‘‘करवा कर’’ रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा था कि लड़ाई अब उस स्त्तर पर पहुंच गई है, जहां जो भी हो वे जीतने को ‘‘प्रतिबद्ध’’ हैं।

नेताओं ने कहा था कि किसान यूनियन बातचीत से नहीं भाग रही लेकिन सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए और कोई मजबूत प्रस्ताव के साथ सामने आना चाहिए।

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दिल्ली से लगी सीमाओं पर हजारों किसान 21 दिन से डटे हैं, जिस कारण कई मार्ग बंद हैं।

पुलिस के अनुसार सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद है और लोगों से लामपुर, सफियाबाद और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर वैकल्पिक मार्ग पर जाने को कहा गया है। मुकरबा तथा जीटीके रोड से भी यातायात परिवर्तित किया गया है।

उन्होंने कहा कि आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से बचें।

इस बीच, प्रदर्शन के कारण गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए गाजीपुर बॉर्डर बंद रहेगा। लोगों को आनंद विहार, डीएनडी, चिल्ला, अप्सरा और भोपुरा बॉर्डर से होकर आने की सलाह दी जाती है।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

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