संसद को ‘गहरे, अंधेरे कक्ष’ में बदला जा रहा है: तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने संसद को ‘‘गहरे, अंधेरे कक्ष’’ में बदलने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि 18वीं लोकसभा के गठन के 100 दिन पूरे होने के बावजूद संसद की स्थायी समितियों का गठन नहीं किया गया है.
नयी दिल्ली, 22 सितंबर : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने संसद को ‘‘गहरे, अंधेरे कक्ष’’ में बदलने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि 18वीं लोकसभा के गठन के 100 दिन पूरे होने के बावजूद संसद की स्थायी समितियों का गठन नहीं किया गया है. राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि 15वीं लोकसभा में 10 में से सात विधेयक संसद की विभाग-संबंधी स्थायी समितियों को भेजे गए थे, जबकि पिछली लोकसभा में 10 में से केवल दो विधेयक ही समितियों को भेजे गए.
उन्होंने कहा, ‘‘संसद को एक गहरे, अंधेरे कक्ष में बदला जा रहा है.’’ संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने 11 सितंबर को कहा था कि संसद की विभाग-संबंधी स्थायी समितियों और परामर्शदात्री समितियों का गठन शीघ्र ही किया जाएगा. ‘‘थिंक टैंक’’ ‘‘पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च’’ द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 17वीं लोकसभा में 16 प्रतिशत विधेयक स्थायी समितियों को भेजे गए. विधेयकों पर लगभग 50 प्रतिशत रिपोर्ट 115 दिन के भीतर प्रस्तुत की गईं. विधेयकों पर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए स्थायी समितियों ने औसतन नौ बैठकें कीं. यह भी पढ़ें : भारत-अमेरिका वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षित करने के लिए साथ मिलकर करेंगे काम
डेटा संरक्षण विधेयक के अलावा, केवल जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021 पर कम से कम 15 बैठकों में चर्चा की गई. देश के आपराधिक कानूनों में सुधार के लिए तीन विधेयकों की 12 बैठकों में एक साथ जांच की गई. सोलहवीं लोकसभा में 28 प्रतिशत विधेयक संसदीय समितियों को भेजे गए, जबकि 15वीं लोकसभा में 71 प्रतिशत विधेयक समितियों को भेजे गए. जबकि ज्यादातर स्थायी समितियां लोकसभा सचिवालय के अधीन आती हैं, कुछ को राज्यसभा द्वारा सेवाएं प्रदान की जाती हैं.