विदेश की खबरें | फलस्तीनियों का हमास के खिलाफ दुर्लभ प्रदर्शन, असंतोष का माना जा रहा संकेत
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

माना जाता है कि इस समूह ने लंबे समय से असहमति को दबाया है और इजराइल के साथ युद्ध के 17 महीने बाद भी इस क्षेत्र पर शासन कर रहा है।

सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो प्रामाणिक और मंगलवार के प्रतीत हो रहे हैं, जिसमें दिखाई दे रहा है कि भारी क्षति वाले उत्तरी शहर बेत लाहिया में सैकड़ों लोग युद्ध-विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं।

वीडियो में दिखाई दे रहा है कि लोगों ने तख्तियां ले रखी हैं जिनपर लिखा था, ‘‘युद्ध बंद करो’’, ‘‘हम मरना नहीं चाहते’’ और ‘‘हमारे बच्चों का खून सस्ता नहीं है’’। कुछ लोगों को यह नारा लगाते हुए सुना जा सकता था, ‘‘हमास बाहर निकलो!’’ अन्य वीडियो में हमास समर्थक भीड़ को तितर-बितर करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन में शामिल बेत लहिया के एक युवक अम्मार हसन ने कहा, ‘‘हम बमबारी, हत्या और विस्थापन से तंग आ चुके हैं।’’

उसने बताया कि प्रदर्शन की शुरुआत में महज कुछ लोग ही युद्ध के खिलाफ सड़क पर उतरे, लेकिन बाद में इसमें 2,000 से अधिक लोग शामिल हो गए और लोग हमास के खिलाफ नारे लगाने लगे।

अधिकार समूहों का कहना है कि फलस्तीनी प्राधिकरण और हमास दोनों ही असहमति को हिंसक रूप से दबाते हैं, अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शनों को कुचलते हैं तथा आलोचकों को जेल में डालते हैं और उनपर अत्याचार करते हैं।

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