कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने पर ‘‘अनुचित’’ शर्तों को लेकर पलानीस्वामी ने केंद्र पर हमला बोला

पलानीस्वामी ने किसानों को मुफ्त बिजली प्रदायगी को खत्म किए जाने का विरोध किया और कहा कि सब्सिडी देने का तरीका राज्य सरकारों पर छोड़ दिया जाना चाहिए तथा सुधारों के क्रियान्वयन में राज्यों की भूमिका अधिक होनी चाहिए।

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चेन्नई, 18 मई तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने सोमवार को कहा कि राज्यों के अतिरिक्त कर्ज लेने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाई गईं शर्त अनुचित हैं तथा इनमें सर्वसम्मति के अभाव के अलावा सबसे बड़ी बात यह है कि सहकारी संघवाद की भावना का ध्यान नहीं रखा गया है।

पलानीस्वामी ने किसानों को मुफ्त बिजली प्रदायगी को खत्म किए जाने का विरोध किया और कहा कि सब्सिडी देने का तरीका राज्य सरकारों पर छोड़ दिया जाना चाहिए तथा सुधारों के क्रियान्वयन में राज्यों की भूमिका अधिक होनी चाहिए।

राज्यों की कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने के लिए केंद्र द्वारा लगाई गईं शर्तों में किसानों को मुफ्त बिजली वितरण को रोकना भी शामिल है।

केंद्र ने राज्यों से मुफ्त बिजली की जगह खाते में सीधे पैसा भेजने को कहा है।

तमिलनाडु में किसानों को नि:शुल्क बिजली देना एक ऐसा मुद्दा है जिसका श्रेय लेने के लिए अन्नाद्रमुक और द्रमुक राज्य के दोनों मुख्य दलों में होड़ लगी रहती है।

पलानीस्वामी ने कहा कि राज्यों के अतिरिक्त कर्ज उठाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाई गईं शर्त अनुचित हैं तथा इनमें सर्वसम्मति का अभाव होने के साथ ही कुल मिलाकर सहकारी संघवाद की भावना का ध्यान नहीं रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंधित शर्तों पर ध्यान देने का आग्रह किया।

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