विदेश की खबरें | पाकिस्तान की अदालत अवमानना मामले में इमरान खान के खिलाफ अभियोग तय करेगी
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इस्लामाबाद, आठ सितंबर पाकिस्तान की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ एक महिला न्यायाधीश के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने से संबंधित अदालत की अवमानना के मामले में उनके जवाब को ‘असंतोषजनक’ बताते हुए अभियोग तय करने का फैसला किया।
इस महीने की शुरुआत में यहां एक रैली के दौरान खान (69) ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार अपने सहयोगी शाहबाज गिल के साथ हुए व्यवहार को लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों, चुनाव आयोग और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की चेतावनी दी थी।
खान ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी को लेकर भी टिप्पणी की थी जिन्होंने पुलिस के अनुरोध पर गिल की दो दिन की हिरासत मंजूर की थी। खान ने कहा था कि ‘‘उन्हें (चौधरी) तैयार रहना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’
भाषण के कुछ घंटों बाद खान पर उनकी रैली में पुलिस, न्यायपालिका और अन्य संस्थाओं को धमकाने के लिए आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। न्यायमूर्ति आमेर फारूक ने गिल की पुलिस हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए खान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया।
मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह की अध्यक्षता वाली इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने अवमानना मामले पर सुनवाई की। वकीलों के दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि अवमानना के मामले में आगे बढ़ना है या इसे छोड़ देना है। संक्षिप्त विराम के दौरान न्यायाधीशों ने मामले पर चर्चा की। इसके बाद अदालत ने कार्यवाही शुरू होने पर कहा कि दो सप्ताह के बाद खान के खिलाफ औपचारिक रूप से अभियोग तय किए जाएंगे।
पहली सुनवाई के दौरान 31 अगस्त को खान अदालत के सामने पेश हुए, जिसने पीठ द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस पर उनके लिखित जवाब को लेकर असंतोष व्यक्त किया। हालांकि, अदालत ने उन्हें लिखित में उचित जवाब दाखिल करने का दूसरा मौका दिया था। बुधवार को प्रस्तुत पूरक जवाब को पीठ ने मंजूर नहीं किया क्योंकि खान ने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया था लेकिन माफी नहीं मांगी थी।
मुख्य न्यायाधीश मिनल्लाह ने सुनवाई के दौरान कहा कि कारण बताओ नोटिस का जवाब न्यायपालिका की अवमानना को ‘‘तर्कसंगत’’ करार देता प्रतीत होता है और इसमें ‘‘कोई अफसोस या खेद नहीं’’ दिखता है।
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