नयी दिल्ली, 30 नवंबर कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों के नेताओं ने राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने के मुद्दे को लेकर मंगलवार को आगे की रणनीति पर चर्चा की।
सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों के नेताओं ने सांसदों के निलंबन को असंवैधानिक करार दिया और जोर देकर कहा कि इनका निलंबन रद्द किया जाना चाहिए।
बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, मुख्य सचेतक के. सुरेश, राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा और मुख्य सचेतक जयराम रमेश शामिल हुए।
इसके साथ ही, इस बैठक में द्रमुक के टीआअर बालू, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कई अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए।
संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने के लिए, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।
उच्च सदन में उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
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