देश की खबरें | किसानों के सड़क जाम करने पर मान ने कहा: आम लोगों को होती हैं परेशानियां

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी मांगें मनवाने के लिए पंजाब में प्रदर्शन कर सड़कों को अक्सर जाम कर देने को लेकर किसान संगठनों को शुक्रवार को निंदा की तथा कहा कि इससे आम लोगों को असुविधा हो रही है।

चंडीगढ़, 18 नवंबर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी मांगें मनवाने के लिए पंजाब में प्रदर्शन कर सड़कों को अक्सर जाम कर देने को लेकर किसान संगठनों को शुक्रवार को निंदा की तथा कहा कि इससे आम लोगों को असुविधा हो रही है।

मान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर सड़कें जाम कर देना ‘एक प्रवृति बन गयी है। यह इस कृषि प्रधान राज्य में किसान संगठनों से एक तरह से सीधी टक्कर लेना किसी मुख्यमंत्री के लिए असामान्य-सी बात है।

मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों से अपील की कि यदि उन्हें धरना देना ही है तो वे मंत्रियों, विधायकों या उपायुक्त कार्यालयों के समीप धरना दें लेकिन राजमार्गों एवं अन्य रास्तों को जाम कर ‘‘आम लोगों को परेशान न करें।’’

राज्य में पिछले कुछ दिनों से खासकर फरीदकोट, अमृतसर, पटियाला और बठिंडा जिलों में विभिन्न किसान संगठनों ने धरना दिया है।

उनकी मांगों में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के लिए अधिगृहीत की गयी जमीन के वास्ते तथा खराब मौसम या कीटों के कारण फसलों को हुए नुकसान के वास्ते और क्षतिपूर्ति, कुछ किसानों के विरूद्ध दर्ज मामले को निरस्त करना, गेहूं की ऊपज को हुए नुकसान के लिए बोनस शामिल हैं।

यहां मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मैं उनका विरोधी नहीं हूं लेकिन यदि वे इस तरह बसों को रोकेंगे एवं सड़कें जाम करेंगे , वे लोगों की सहानुभूति गंवा बैठेंगे।’’

उन्होंने कहा कि पिछले सात महीने में आप सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई फैसले किये, उनकी मांगें पूरी की तथा कुछ प्रक्रियाधीन हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ कई बैठकें की तथा इतनी बैठकें तो पिछले 10 सालों के दौरान नहीं हुईं।

मान ने दावा किया, ‘‘ मुझे यह भी पता चला है कि कुछ किसान संगठन बस अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए धरना देना चाहते हैं। ’’

इस बयान के आलोक में भारती किसान यूनियन (सिधुपुर) ने अमृतसर में अपना प्रदर्शन तेज करने का फैसला किया है तथा एक अन्य किसान संगठन ने बठिंडा में ऐसा ही किया।

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