जरुरी जानकारी | तेल-तिलहनों के दाम पूर्वस्तर पर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केन्द्रीय आम बजट में खाद्यतेलों पर आयात शुल्क में वृद्धि की उम्मीद में खाद्यतेलों का अत्यधिक आयात किये जाने की वजह से घरेलू बाजारों में शुक्रवार को लगभग सभी खाद्यतेल-तिलहनों पर दबाव कायम हो गया। बाजार सूत्रों ने शुक्रवार को यह कहा।
नयी दिल्ली, 26 जुलाई केन्द्रीय आम बजट में खाद्यतेलों पर आयात शुल्क में वृद्धि की उम्मीद में खाद्यतेलों का अत्यधिक आयात किये जाने की वजह से घरेलू बाजारों में शुक्रवार को लगभग सभी खाद्यतेल-तिलहनों पर दबाव कायम हो गया। बाजार सूत्रों ने शुक्रवार को यह कहा।
विदेशी आयातित तेलों के दाम मई 2022 के मुकाबले लगभग आधे रह जाने के बीच देशी तेलों का खपना तो पहले से मुश्किल था लेकिन अब आयातित तेल भी आयात लागत से कम दाम पर बेचा जा रहा है। इस स्थिति के बीच सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर अपरिवर्तित बने रहे।
शिकॉगो एक्सचेंज फिलहाल 2.25 प्रतिशत नीचे चल रहा है और मलेशिया एक्सचेंज आज दोपहर साढ़े तीन बजे 0.59 प्रतिशत तेज बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि देश में विभिन्न बंदरगाहों में सबसे अधिक खाद्यतेलों का आयात कांडला बंदरगाह पर होता है। यहां सामान्य तौर पर होने वाले आयात के मुकाबले 1-20 जुलाई के बीच खाद्यतेलों का लगभग 35 प्रतिशत अधिक यानी लगभग 6 लाख 85 हजार टन सभी खाद्यतेलों का आयात हुआ। देश के सभी बंदरगाहों को मिलाकर हर महीने करीब 12-13 लाख टन सारे खाद्यतेलों का आयात होता है जिसमें कांडला सबसे अव्वल स्थान पर आता है।
उन्होंने कहा कि विदेशों में दाम घटने के कारण मई 2022 के मुकाबले आज सूरजमुखी तेल का आधे दाम पर आयात हो रहा है जिससे सारे देशी तेल तिलहन तो पहले से दवाब में थे लेकिन आयातित बाकी तेलों पर भी दवाब कायम हो गया है।
स्थिति ऐसी है कि आयातकों को अपना ऋण साखपत्र बैंकों में चलाते रहने की मजबूरी के कारण इन आधे दाम वाले आयातित खाद्यतेलों को भी आयात लागत के मुकाबले घाटे में बेचना पड़ रहा है। देशी तेल तिलहनों को सिर्फ समर्थन देने का हौसला ही दिया जा रहा है। मौजूदा स्थिति में देशी तेल तिलहन उद्योग, देशी पेराई मिलें, देशी तिलहन किसान और उपभोक्ता सभी बेहाल हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सभी को सिर्फ खाद्यतेलों के थोक भाव से मतलब है लेकिन खुदरा बाजार में यही सस्ता आयातित खाद्यतेल किस भाव बिक रहा है और उपभोक्ताओं को चैन नहीं मिल रही इसकी ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिये।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 5,900-5,950 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,500-6,775 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,625 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,340-2,640 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 11,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,875-1,975 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,875-2,000 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,225 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,025 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,525 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,540 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,500 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,680 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,780 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,525-4,545 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,335-4,460 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,125 रुपये प्रति क्विंटल।
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