जरुरी जानकारी | ओडीओपी ने नौकरी चाहने वालों को बनाया नौकरी देने वाला : सर्वेक्षण
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लखनऊ, 24 अगस्त उत्तर प्रदेश सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना के जरिये की गई कई नीतिगत पहल ने कृषि आधारित उद्योगों और युवाओं को नौकरी चाहने वालों से नौकरी देने वाला बनने के लिए प्रोत्साहन दिया है।
नॉलेज फर्म बिलमार्ट फिनटेक और एमएसएमई एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा किए गए त्वरित सर्वेक्षण में यह बात कही गई है।
काउंसिल के अध्यक्ष डी एस रावत द्वारा बुधवार को यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्तुत की गई सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थितियों के चलते बड़ी संख्या में सूक्ष्म, लघु और मझोली इकाइयों के बंद होने से बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी और रोजगार का नुकसान हुआ, लेकिन इससे राज्य के युवा, शिल्पकार और उद्यमी किसान ओडीओपी की विभिन्न योजनाओं के तहत अपने स्वयं के सूक्ष्म उद्यम शुरू करने के लिए प्रेरित हुए।
सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि ये उद्यम न केवल कम पूंजी लागत पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और औद्योगिकीकरण के लिए प्रभावी भी साबित हो रहे हैं।
रावत के मुताबिक, मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने काउंसिल को वैश्विक स्तर पर सूक्ष्म, लघु तथा मझोले उद्योगों (एमएसएमई) की सहायता करने के लिए कहा ताकि वे निर्यात बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकें।
आदित्यनाथ ने कहा कि एमएसएमई पहले से ही रोजगार सृजन और विदेशी मुद्रा आय के स्रोत के रूप में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे हैं और राज्य के कुल औद्योगिक उत्पादन में उनका योगदान लगभग 65 प्रतिशत है। इस तरह एमएसएमई क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रावत ने बताया कि एमएसएमई एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और बिलमार्ट ने एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए काम करने के सिलसिले में एक जिले को ‘पायलट प्रोजेक्ट’ के रूप में अपनाने का फैसला किया है, ताकि वे अपने व्यवसायों के विकास के लिए प्रतिस्पर्धी और समय पर ऋण लेने के लिए तैयार हो सकें। उन्हें खरीदार/विक्रेता, प्रौद्योगिकी और क्रेडिट प्रदाताओं से जुड़ने के लिए तकनीकी कौशल भी प्रदान किया जाएगा।
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