देश की खबरें | बलात्कार मामले में आरोपपत्र रद्द करने संबंधी पूर्व सैन्य अधिकारी की याचिका पर नोटिस जारी
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नयी दिल्ली, पांच नवंबर उच्चतम न्यायालय ने कथित बलात्कार के मामले में अपने खिलाफ आरोपपत्र को रद्द करने का अनुरोध करने वाले पूर्व सैन्य अधिकारी की याचिका पर दिल्ली पुलिस और एक महिला को मंगलवार को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने व्यक्ति की याचिका पर गौर करने पर सहमति जताते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे ने दलील दी कि शिकायतकर्ता ने गलत और दुर्भावनापूर्ण अभियोजन शुरू किया है। दुबे ने दावा किया कि शिकायतकर्ता ने पिछले आठ वर्षों में याचिकाकर्ता समेत नौ अलग-अलग लोगों के खिलाफ सात अलग-अलग थानों में सात प्राथमिकी दर्ज कराई।
पीठ ने मामले की सुनवाई छह दिसंबर को सूचीबद्ध की है। याचिकाकर्ता कैप्टन राकेश वालिया (सेवानिवृत्त) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें आरोपपत्र रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि मामला निचली अदालत के समक्ष लंबित है, जो याचिकाकर्ता की दलीलों पर विचार करेगी और उचित फैसला सुनाएगी।
याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता भारतीय सेना का सम्मानित अधिकारी रहा है, जिसकी उम्र 63 साल है और वह गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। उसे दिल का दौरा भी पड़ चुका है और दो स्टेंट लगाए जा चुके हैं। उसे कैंसर होने का पता चला था और बीमारी को चिकित्सकीय रूप से गंभीर बताया गया था।’’
याचिका में आरोप लगाया गया कि शिकायतकर्ता ने कानून का दुरुपयोग करते हुए पूर्व सैन्य अधिकारी पर आरोप लगाए हैं। याचिकाकर्ता का काम बलात्कार और छेड़छाड़ कानूनों का दुरुपयोग करके ‘‘उनके जैसे सम्मानित नागरिकों की मेहनत की कमाई’’ हड़पना है।
याचिका के मुताबिक 2019 और 2020 के बीच शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता से संपर्क किया था और दावा किया था कि वह सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है। यह कॉल व्यापक दर्शकों तक पहुंच के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी पुस्तक ‘‘ब्रोकन क्रेयॉन्स कैन स्टिल कलर’’ के प्रचार के संबंध में थी।
याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता शिकायतकर्ता की पेशकश में रुचि रखता था और उसने लॉकडाउन समाप्त होने के तुरंत बाद जून 2021 में उसकी सेवा लेने का फैसला किया।
याचिका में कहा गया है कि 29 दिसंबर, 2021 को याचिकाकर्ता अपनी किताब के प्रचार के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए सहमत हो गया और वे छतरपुर मेट्रो स्टेशन पर मिले, जिसके बाद वे नोएडा की ओर चले गए।
हालांकि, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि जब वह उसे नोएडा में छोड़ आया, तो उसे शाम करीब छह बजे स्थानीय पुलिस से फोन आया, जिसमें महिला की शिकायत के बारे में बताया गया कि उसने उसे नशीला पदार्थ देकर करीब 4.15 बजे उसका यौन उत्पीड़न किया।
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