मुंबई, 24 अगस्त : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने संबंधी कथित बयान से खुद को अलग कर लिया, लेकिन साथ ही कहा कि वह मंत्री के बयान पर खेद प्रकट नहीं करेंगे. राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं और इसी संदर्भ में ही मंत्री ने यह विवादित बयान दिया. पाटिल ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा, ‘‘ मैं राणे के बयान का बचाव नहीं कर रहा, लेकिन उसको लेकर खेद भी व्यक्त नहीं करूंगा.’’
ऐसी अटकले हैं कि राणे को मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है. खबरों के अनुसार, केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद नासिक पुलिस कोंकण क्षेत्र के चिपलुन के लिए रवाना हो गई, जहां राणे मौजूद हैं. पाटिल ने इस बात को लेकर हैरानी जतायी कि राज्य सरकार किसी केन्द्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने की योजना कैसे बना सकती है. उन्होंने पूछा, ‘‘ क्या कोई प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है?’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ राणे पर उंगली उठाने वाले लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उद्धव ठाकरे द्वारा भड़काऊ भाषण दिए जाने के कई उदाहरण हैं.’’ यह भी पढ़ें : केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ शिवसेना ने की नारेबाजी, नासिक में बीजेपी पार्टी कार्यालय पर पथराव
राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘‘ यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं. भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछते नजर आए थे. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता.’’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे पहले शिवसेना में थे, जो बाद में कांग्रेस में और फिर, 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को संबोधित करते समय ठाकरे यह भूल गए थे कि आजादी को कितने साल पूरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि भाषण के बीच में वह अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुए हैं.
मुंबई में भाजपा के विधायक राम कदम ने केन्द्रीय मंत्री का बचाव करते हुए कहा, ‘‘ राणे को उनकी अक्रामकता के लिए पहचाना जाता है. उनके शब्दों के चुनाव को लेकर विचारों में मतभेद हो सकता है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘जन आर्शीवाद यात्रा’ के शुरू होने के बाद से ही ठाकरे नीत महाराष्ट्र सरकार सत्ता का गलत इस्तेमाल कर राणे की रैली में अवरोध उत्पन्न करने की कोशिश कर रही है. विधायक ने एक समाचार चैनल से बातचीत में दावा किया, ‘‘ यह राज्य सरकार की धोखाधड़ी है. राज्य सरकार रैली को मिल रही व्यापक प्रतिक्रिया से डरी हुई है.’’ उन्होंने दावा किया कि ठाकरे ने मुख्यमंत्री के तौर पर कई बार विवादित भाषण दिये हैं और भड़ाकाऊ का इस्तेमाल भी किया है लेकिन इसे अनदेखा कर दिया गया