हैदराबाद, 27 जनवरी भारत के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे पहले टेस्ट के तीसरे दिन शनिवार को इंग्लैंड के द्वारा दूसरी पारी में प्रभावी बढ़त लेने पर ज्यादा चिंतित नहीं होते हुए कहा कि स्पिनरों को यहां तेज घुमाव नहीं मिल रहा है।
भारतीय टीम ने पहली पारी में 190 रन की बड़ी बढ़त हासिल थी थी। इंग्लैंड ने ओली पोप की नाबाद शतकीय पारी के दम पर दूसरी पारी में छह विकेट पर 316 रन बना कर 126 रन की बढ़त हासिल कर ली।
मैच के आगे बढ़ने के साथ बल्लेबाजों के लिए परिस्थितियां थोड़ी मुश्किल होती जा रही है लेकिन म्हाम्ब्रे ने कहा कि वह किसी लक्ष्य का निर्धारण कर टीम पर दबाव नहीं बनाने देना चाहते है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी विशेष लक्ष्य का पीछा करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं क्योंकि मैंने कहा था कि उद्देश्य कल सुबह जल्दी विकेट हासिल करना और उनके स्कोर को सीमित करना है।’’
म्हाम्ब्रे ने दिन के खेल के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम कोई लक्ष्य निर्धारित करके खुद पर कोई दबाव नहीं डाल रहे हैं। हम सिर्फ विकेट से टर्न और उछाल हासिल करने के लिए सही क्षेत्रों में गेंदबाजी करना चाहते हैं।’’
म्हाम्ब्रे ने कहा कि पिच से स्पिनरों को टर्न (गेंद की घुमाव) मिल रही है लेकिन इसे निपटा जा सकता है क्योंकि गेंद तेजी से टर्न नहीं ले रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप पिछले कुछ दिनों में पहले सत्र के खेल को देखे तो मुझे लगता है कि दूसरी पारी में बल्लेबाजी थोड़ी आसान है। मुझे लगता है कि यह थोड़ा बेहतर होने वाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पिच से गेंदबाजों को टर्न मिलेगा लेकिन वह वैसा टर्न नहीं है जैसा आम तौर पर आप भारतीय उपमहाद्वीप में देखते हैं। उपमहाद्वीप में जब खेल आगे बढ़ता है तो गेंद तेजी से घूमती है लेकिन यहां वैसा नहीं दिखा है। यह उतना चुनौतीपूर्ण नहीं है।’’
स्पिन गेंदबाजों की मददगार पिच पर जसप्रीत बुमराह ने दो अहम विकेट चटकाकर फिर से यह जताया कि उनके पास किसी भी परिस्थिति में विकेट चटकाने की काबिलियत है।
बुमराह की रिवर्स स्विंग पर दिन के दूसरे सत्र में बेन डकेट और अनुभवी जो रूट गच्चा खा गये।
म्हाम्ब्रे ने बुमराह को हर परिस्थिति का गेंदबाज करार देते हुए कहा, ‘‘ बुमराह बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहा था गेंद को दोनों तरफ स्विंग करा रहा था। उसके पास यह शानदार काबिलियत है। वह एक विशेष गेंदबाज है और हमने देखा है कि वह विदेशी परिस्थितियों में क्या कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ बुमराह ने भारत में ज्यादा (टेस्ट) क्रिकेट नहीं खेला है लेकिन जब भी गेंदबाजी करता है तो अपना सर्वश्रेष्ठ देता है। यह उसके कौशल का कमाल है।’’
इंग्लैंड के दिग्गज रूट ने भी बुमराह के कौशल का लोहा मानते हुए कहा कि मैच की परिदृश्य में उस समय उनका आउट होना बड़ा पल था।
उन्होंने कहा, ‘‘ आप एक टेस्ट मैच से यही उम्मीद करते हैं। वह मैच में एक बड़ा क्षण था। मुझे इससे (बुमराह के स्पैल) पार नहीं कर पाने से निराश है। आप जानते हैं कि चार या पांच ओवर तक वह आक्रामक होकर अपना सब कुछ हम पर झोंक देगा।’’
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