मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूसरी बार हुए भाजपा से अलग, राज्यपाल से करेंगे मुलाकात

बिहार में सियासी सरगर्मियां तेज होने के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आठ वर्ष में दूसरी बार अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लिया है और वह आज शाम को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर सकते हैं. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी .

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Photo Credits: ANI)

पटना,9 अगस्त : बिहार में सियासी सरगर्मियां तेज होने के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आठ वर्ष में दूसरी बार अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लिया है और वह आज शाम को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर सकते हैं. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी . हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र कुश्वाहा ने एक ट्वीट करके कुमार को ‘‘नए तरीके के नए गठगंधन’’ की अगुवाई करने के लिए बधाई दी है. इस ट्वीट से गंठबंधन टूटने और राजद नीत ‘महागठबंधन’ को अपनाने संबंधी बातों को बल मिला है. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शाम चार बजे राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं. विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन की बैठक पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी मां एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के दस सर्कुलर रोड स्थित आवास पर बुलाई, जिसमें वाम दल और कांग्रेस ने हिस्सा लिया. कहा जा रहा है कि यहां सभी विधायकों ने कुमार के समर्थन वाले एक पत्र पर हस्ताक्षर किए.

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के आवास पर जा कर किसी भी वक्त उन्हें समर्थन का पत्र सौंप सकते हैं. वहीं जनता दल (यूनाइटेड) के सांसदों और विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास एक अणे मार्ग पर हुई. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने विधायकों और सांसदों के साथ हुई बैठक में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें बाध्य किया, क्योंकि उसने पहले चिराग पासवान से विद्रोह कराकर और फिर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को सामने खड़ा करके जदयू को कमजोर करने की कोशिश की. यह भी पढ़ें : अजमेरा रियल्टी की पहली तिमाही में बिक्री बुकिंग तीन गुना से अधिक होकर 400 करोड़ रुपये पर

इसके बाद, सिंह के समर्थकों द्वारा जदयू में विभाजन की अफवाह सामने आयी . भाजपा और जदयू दोनों दलों के बीच गत कई महीने से तकरार चल रही है. इन दोनों के बीच कई मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से असहमति देखने को मिली थी जिनमें जातीय आधार पर जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण कानून और सशस्त्र बलों में भर्ती की नयी ‘‘अग्निपथ’’ योजना शामिल हैं. भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-’ से सोमवार को कहा, ‘‘यदि जदयू भाजपा से गठजोड़ तोड़ती है और नयी सरकार बनती है तो हम मदद का हाथ बढ़ाएंगे.’’

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