विदेश की खबरें | संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नौ सदस्यों ने म्यामां सेना से नागरिकों पर हवाई हमले रोकने का आग्रह किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अप्रैल 2021 में सेना के सत्ता पर काबिज से देश में छिड़े गृहयुद्ध के बाद इस योजना को अपनाया गया था। इस योजना के तहत म्यामां में हिंसा को तत्काल रोकने, सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत, दक्षिण पूर्व एशियाई संघ के एक विशेष दूत द्वारा मध्यस्थता का आह्वान किया गया था।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

अप्रैल 2021 में सेना के सत्ता पर काबिज से देश में छिड़े गृहयुद्ध के बाद इस योजना को अपनाया गया था। इस योजना के तहत म्यामां में हिंसा को तत्काल रोकने, सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत, दक्षिण पूर्व एशियाई संघ के एक विशेष दूत द्वारा मध्यस्थता का आह्वान किया गया था।

इसके अलावा इसमें आसियान चैनलों के माध्यम से मानवीय सहायता का प्रावधान, और सभी संबंधित पक्षों से मुलाकात करने के लिये एक विशेष दूत द्वारा म्यामां के दौरे पर जाने की भी बात थी।

इस वर्ष के आसियान अध्यक्ष, लाओस से म्यांमार के विशेष दूत एवं संयुक्त राष्ट्र के राजदूत रह चुके वरिष्ठ राजनयिक अलौंकेओ किट्टीखौन ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के 10 सदस्यीय संघ की ओर से परिषद की बंद कमरे में हुयी बैठक को संबोधित किया।

बैठक से जुड़े परिषद के राजनयिक के अनुसार, किट्टीखौन ने म्यांमा में शांति के लिए आसियान की ‘पांच-सूत्री सहमति’ को ‘शांत कूटनीति’ के माध्यम से लागू करने की प्रतिबद्धता जतायी।

म्यांमा के सैन्य नेतृत्व ने अब तक इस योजना की अनदेखी की है और देश में हिंसा एवं मानवीय संकट तेजी से बढ़ रहा है।

परिषद की बैठक से पहले (परिषद के) 15 सदस्यों में से नौ ब्रिटेन के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत बारबरा वुडवर्ड द्वारा पढ़े गए एक बयान का समर्थन करने के लिए पत्रकारों के समक्ष आये थे, जिसमें आसियान के आह्वान को दोहराया गया था। आसियान ने म्यांमा के सशस्त्र बलों से हमलों ‘विशेष रूप से, नागरिकों और नागरिक बुनियादी ढांचों को निशाना बनाने से रोकने का’ आग्रह किया था ।

सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर सत्ता हथिया ली थी । इसके बाद से देश सशस्त्र लोकतंत्र समर्थक प्रतिरोध आंदोलन का सामना कर रहा है जिसे जातीय अल्पसंख्यक लड़ाकू बलों की ओर से सहायता प्राप्त है।

तीन जातीय अल्पसंख्यक सशस्त्र समूहों द्वारा अक्टूबर के अंत में एक बड़ा हमला शुरू करने के बाद सेना ने हवाई हमले तेज कर दिए थे, जिसमें चीन के साथ व्यापार के लिए प्रमुख सीमा पार के साथ-साथ देश के उत्तर-पूर्व के कस्बों पर कब्जा कर लिया गया।

परिषद के नौ सदस्यों - इक्वाडोर, फ्रांस, जापान, माल्टा, दक्षिण कोरिया, स्लोवेनिया, स्विट्जरलैंड, युनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका - ने कहा कि, सैन्य अधिग्रहण के तीन साल बाद, 1.8 करोड़ से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है और 26 लाख लोग विस्थापित हैं।

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