जरुरी जानकारी | नये आयकर रिटर्न फॉर्म अधिसूचित, एक लाख रुपये से अधिक बिजली बिल खपत की जानकारी देना जरूरी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए आयकर रिटर्न भरने के लिये फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं। सरकार ने किसी व्यक्ति के चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की जमा या वित्त वर्ष के दौरान एक लाख रुपये या उससे अधिक के बिजली बिल का भुगतान होने पर आयकर रिटर्न भरना और उसका ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया है।
नयी दिल्ली, 31 मई आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए आयकर रिटर्न भरने के लिये फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं। सरकार ने किसी व्यक्ति के चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की जमा या वित्त वर्ष के दौरान एक लाख रुपये या उससे अधिक के बिजली बिल का भुगतान होने पर आयकर रिटर्न भरना और उसका ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए सहज (आईटीआर-1) फॉर्म, आईटीआर-2 फॉर्म, आईटीआर-3 फॉर्म, सुगम (आईटीआर-4), आईटीआर-5 फॉर्म, आईटीआर-6, आईटीआर-7 फॉर्म और आईटीआर-वी फॉर्म जारी किए हैं।
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नए आयकर रिटर्न फॉर्म में करदाताओं को वर्ष के दौरान बड़े खर्चे के बारे में जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है। किसी व्यक्ति के चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की जमा, विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये या उससे अधिक का खर्च या वर्ष के दौरान एक लाख रुपये से अधिक बिजली बिल जैसे ऊंचे लेनदेन से जुड़ी जानकारियां देना अनिवार्य होगा।
कोविड-19 संकट के चलते सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने को लेकर दी गयी विभिन्न छूटों का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न फॉर्म में संशोधन किया है।
सरकर ने आयकर अधिनियम-1961 के तहत रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में कई रियायतें दी हैं। इसके लिए सरकार कराधान एवं अन्य अधिनियम (कुछ प्रावधानों से राहत) अध्यादेश- 2020 लेकर आयी है।
इसके हिसाब से आयकर की धारा 80सी (जीवन बीमा, लोक भविष्य निधि, राष्ट्रीय बचत पत्र इत्यादि), 80डी (स्वास्थ्य बीमा) और 80जी (दान) इत्यादि के तहत ली जाने वाली छूट के लिए अंतिम निवेश तिथि बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गयी है।
नए फॉर्म में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए निवेश छूट का लाभ उठाने के लिए 2020-21 की पहली तिमाही में किए गए निवेश की अलग से जानकारी देने की जरूरत होगी।
नांगिया एंडरसन कंसल्टिंग के निदेशक शैलेष कुमार ने कहा कि आईटीआर-1, आईटीआर-2 और आईटीआर-4 जैसे सरल फॉर्म का लाभ उन व्यक्तिगत करदाताओं को नहीं मिलेगा, जो किसी कंपनी में निदेशक हैं या जिन्होंने गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर में निवेश किया है।
एकेएम ग्लोबल टैक्स में पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि अब आवासीय संपत्तियों के सह-मालिक और ज्यादा खर्च वाले करदाता भी सहज और सुगम फॉर्म से आयकर रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। इसमें से भी जो भी आसान लगे वह भर सकते हैं। यह एक बड़ी राहत है।
हालांकि, अधिक खर्च करने वालों को विदेश यात्रा, अधिक बिजली खपत और चालू खाते में ऊंची जमा राशि के बारे में जानकारी देनी होगी।
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