खेल की खबरें | कभी नहीं कहूंगा कि मैं सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ भारतीय ‘ट्रैक एवं फील्ड’ एथलीट हूं: चोपड़ा

बुडापेस्ट, 28 अगस्त इसमें कोई दो राय नहीं है कि नीरज चोपड़ा भारत के सर्वकालिक महान खिलाड़ी बन गये हैं लेकिन इसका जिक्र होते ही रविवार को विश्व चैम्पियन बना यह एथलीट असहज हो जाता है।

चोपड़ा ने रविवार की रात बुडापेस्ट में 88.17 मीटर के थ्रो से विश्व चैम्पियनशिप खिताब अपने नाम किया। वह ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले ‘ट्रैक एवं फील्ड’ एथलीट भी हैं। भाला फेंकने के साथ वह अपनी विनम्रता के लिए भी काफी मशहूर हैं।

भारत का सर्वकालिक ‘ट्रैक एवं फील्ड’ एथलीट कौन है, इसमें (उनके नाम पर) कोई शक नहीं है लेकिन चोपड़ा इस बहस में शामिल नहीं होना चाहते।

चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैं कभी भी ऐसा नहीं कहूंगा, सर्वकालिक महान खिलाड़ी। लोग कहते कि बस विश्व चैम्पियनशिप पदक की कमी है। मैंने अब यह जीत लिया है लेकिन मुझे अभी काफी चीजें करनी है और मैं उन पर ध्यान लगाऊंगा। मैं ऐसा (सर्वकालिक महानतम) नहीं कहना चाहूंगा। ’’

उन्होंने भाला फेंक स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के संदर्भ में बताते हुए कहा, ‘‘अगर आप सर्वकालिक महानतम खिलाड़ी कहना चाहते हो तो वह जान जेलेज्नी जैसा एथलीट ही होगा। ’’

जेलेज्नी चेक गणराज्य के महानतम भाला फेंक एथलीट हैं, जिनके नाम 98.48 मीटर का विश्व रिकॉर्ड है। वह तीन ओलंपिक और तीन विश्व चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। वह चोपड़ा के आदर्श भी हैं।

इस 25 साल के भाला फेंक एथलीट को लगता है कि विश्व चैम्पियनशिप ओलंपिक की तुलना में मुश्किल होती है।

चोपड़ा ने कहा, ‘‘ओलंपिक बहुत ही विशेष था और विश्व चैम्पियनशिप बड़ा खिताब है। अगर आप प्रतिस्पर्धा की बात करोगे तो विश्व चैम्पियनशिप हमेशा ओलंपिक से कठिन है। सभी खिलाड़ी के लिए तैयार होकर आते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘काफी लोग भारत से यहां आते हैं और स्थानीय लोगों का समर्थन भी शानदार था। इसलिये यह जीत विशेष है। ’’

चोपड़ा ने अपने साथी किशोर कुमार जेना और डीपी मनु की प्रशंसा की जो शीर्ष आठ में रहने में सफल रहे।

चोपड़ा ने कहा, ‘‘किशोर जेना (पांचवें स्थान पर रहे) और डीपी मनु (छठे स्थान पर रहे) ने भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। हमारी एथलेटिक्स अब आगे बढ़ रही है। लेकिन अभी काफी काम करना होगा। मैंने (भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष) आदिले सर से यहां की ‘मोंडो ट्रैक’ (ट्रैक एवं फील्ड एथलीट के लिए कृत्रिम ट्रैक) के बारे में बात की और उम्मीद करता हूं कि हमारे पास भी भारत में इसी तरह की ट्रैक होगी। हम आगामी वर्षों में इससे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। ’’

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