ताजा खबरें | संसदीय लोकतंत्र के प्रतीक हैं नेहरू: राजद के मनोज झा

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नयी दिल्ली, 17 दिसंबर बार-बार देश के पहले प्रधानमंत्री पर निशाना साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा ने मंगलवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू अधिनायकवाद के खिलाफ संसदीय लोकतंत्र के प्रतीक हैं।

‘भारत के संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर राज्यसभा में चर्चा में भाग लेते हुए झा ने कहा कि साल 2014, 2019 और 2024 के आम चुनाव में नेहरू नहीं हारे, बल्कि इनमें विपक्ष और कांग्रेस की हार हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘आप (भाजपा) 100 साल और चुनाव जीत सकते हैं लेकिन आप नेहरू को तब भी खड़ा पाएंगे क्योंकि वह अधिनायकवाद के खिलाफ संसदीय लोकतंत्र के प्रतीक हैं। वह ढाल, रक्षा कवच हैं।’’

झा ने कहा कि नेहरू की आलोचना करने वालों को यह जरूर याद रखना चाहिए कि 1946 और 1947 में देश के क्या हालात थे।

उन्होंने कहा, ‘‘एक घर के भूतल का निर्माण सबसे कठिन है। नेहरू, आंबेडकर (बाबा साहेब) और पटेल (सरदार) ने नींव रखी। आप (भाजपा-राजग) दूसरी और तीसरी मंजिल बना रहे हैं। आप पांच और मंजिलों का निर्माण कर सकते हैं लेकिन नींव के बिना, फर्श का कोई फायदा नहीं है। यह हमें हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।’’

बांग्लादेश के मौजूदा हालात के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले 1971 के बारे में पढ़ा था लेकिन अब देख रहे हैं।

झा ने कहा, ‘‘अगर अल्पसंख्यकों पर भारत की रिपोर्ट अच्छी होती तो हम बांग्लादेश और पाकिस्तान को हमसे सीख लेने के लिए कह सकते थे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने मौजूदा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जब किसान अपने अधिकारों की मांग करते हैं तो उन्हें ‘राष्ट्र-विरोधी’ करार दिया जाता है या छात्रों को ‘नक्सली’ करार दिया जाता है, जब वे केवल निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर आंदोलन करते हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) के अशोक कुमार मित्तल ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि ऐसे समय में जब संसद में संविधान की यात्रा पर चर्चा हो रही है, बड़ी संख्या में लोगों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है, लाखों लोग नौकरी तलाश रहे हैं और 40 फीसदी आबादी के पास अपना घर नहीं है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद संविधान ने देश को रास्ता दिखाया है और अगले एक हजार साल में भी ऐसा होता रहेगा।

चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के सैयद नसीर हुसैन ने आश्चर्य जताया कि सत्तारूढ़ पार्टी को समाजवाद से समस्या क्यों है।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपको सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों में आरक्षण पर आपत्ति है? क्या आपको गरीबों को जमीन देने पर आपत्ति है?... क्या आप नहीं चाहते कि गरीब मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिले।’’

भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ के बारे में प्रधानमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कांग्रेस सदस्य ने पूछा कि सरकार अदाणी के मुद्दे पर जेपीसी का गठन क्यों नहीं कर रही है या चुनावी बॉन्ड मुद्दे की जांच क्यों नहीं करा रही है।

उन्होंने सरकार से भ्रष्टाचार के सभी आरोपों की जांच कराने को कहा।

हुसैन ने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंदुस्तान का धर्म लोकतंत्र होना चाहिए और पवित्र ग्रंथ संविधान होना चाहिए।

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