पुणे, 24 अगस्त राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सांसद सुप्रिया सुले ने पार्टी में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की स्थिति को लेकर कहा कि वह ‘‘पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और विधायक’’ हैं।
राकांपा में विभाजन से जुड़े सवाल पर सुले ने यह भी कहा कि पार्टी संस्थापक शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट द्वारा पदाधिकारियों से हलफनामा लेना पार्टी के भीतर एक सतत प्रक्रिया है।
अजित पवार के बारे में बारामती से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अब, उन्होंने एक ऐसा रुख अपनाया है जो पार्टी के खिलाफ है, और हमने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत दी है और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।’’
उन्होंने दिलीप वलसे पाटिल के शरद पवार के खिलाफ बयान को भी खारिज कर दिया।
बीस अगस्त को अपने विधानसभा क्षेत्र अंबेगांव के मंचर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज्य के सहकारिता मंत्री पाटिल ने कहा था कि महाराष्ट्र के लोगों ने कभी भी शरद पवार को उनके दम पर सत्ता नहीं दी या उन्हें अकेले सरकार बनाने नहीं दी।
शरद पवार के चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने का हवाला देते हुए सुले ने कहा, ‘‘1990 में, जब कांग्रेस को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिला, तो पवार साहब मुख्यमंत्री बने। (1999 में) राकांपा के गठन के बाद, पवार साहब ने कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा।’’
सुले ने बताया कि राकांपा गठबंधन में (कांग्रेस और अन्य छोटे दलों के साथ) 118 सीटों पर लड़ती थी, इसलिए 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 145 का जादुई आंकड़ा हासिल करना संभव नहीं था।
जब सुले से उनके इस बयान के बारे में पूछा गया कि राकांपा को तोड़ने की तीन कोशिशें की गईं, तो उन्होंने दावा किया कि पार्टी को तोड़ने के लिए कई कदम उठाए गए, जो ‘‘कभी सफल और कभी असफल रहे।’’
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