बनिहाल (जम्मू कश्मीर), सितंबर नौ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को विश्वास जताया कि उनकी पार्टी अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
रामबन जिले के इस विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार सज्जाद शाहीन के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री विकार रसूल वानी पर निशाना साधा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की भी आलोचना की तथा उन पर पूर्ववर्ती राज्य को नष्ट करने का आरोप लगाया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बनिहाल के खारी इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “जब हमने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया तो हमने सीट बंटवारे पर सहमति बनाने की कोशिश की। कुछ सीटों को लेकर विवाद था और दोनों पक्ष अड़े थे और स्थिति एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गई जब हमें लगा कि यह (गठबंधन) नहीं होने वाला है।”
उन्होंने कहा, “लेकिन गठबंधन पर काम हो गया और हम अधिकांश सीटों पर सहमति पर पहुंच गए, जिन पर अब हम मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।”
नेकां के उपाध्यक्ष ने हालांकि कहा कि बनिहाल की तरह कुछ सीटें ऐसी हैं जहां दोनों पार्टियां दोस्ताना मुकाबला कर रही हैं।
उमर ने कहा, “आठ अक्टूबर को (जब वोटों की गिनती होगी), आप देखेंगे कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और हमारी गठबंधन सहयोगी जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बना रहे हैं...। हम लोगों को डराने-धमकाने या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करने में विश्वास नहीं रखते, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब यह अनावश्यक उत्पीड़न खत्म हो जाएगा।”
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व अध्यक्ष और मंत्री वानी की एक सार्वजनिक बैठक में नेकां के खिलाफ की गई टिप्पणी की आलोचना की और कहा कि हालांकि उन्होंने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के बारे में नहीं बोलने का फैसला किया है, लेकिन उनके बयानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, “वह हमारे नेतृत्व, हमारी पार्टी के झंडे और यहां तक कि हमारी पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के बारे में भी बुरा बोल रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब मैं दो महीने पहले इस शहर में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहा था, तो उन्होंने हमारी कितनी तारीफ की थी।”
अब्दुल्ला ने कहा, “या तो वो उस समय झूठ बोल रहे थे या इस बार झूठ बोल रहे हैं। दोनों ही बातें सच नहीं हो सकतीं। जम्मू-कश्मीर में चुनाव का बिगुल बजने के तुरंत बाद उन्हें पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया क्योंकि उनकी पार्टी ने उन्हें उस पद के योग्य नहीं समझा तो लोग उन्हें वोट क्यों दें।”
उमर ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस पर निशाना नहीं साध रहे हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं को अपना मित्र बताया और कहा, “इस व्यक्ति ने हमारे खिलाफ मोर्चा खोला और वह इसके लिए खुद जिम्मेदार है।”
रविवार को बनिहाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी रैली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह अजीब बात है कि जब नेशनल कॉन्फ्रेंस पाकिस्तान के साथ बातचीत की बात करती है तो भाजपा चिढ़ जाती है और उनकी आलोचना करती है।
उन्होंने कहा, “मैंने सिंह से सुना कि सरकार पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है (बशर्ते वह आतंकवाद बंद करे), जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करने के लिए हमारे घोषणापत्र पर हमला किया। अब मुझे बताएं कि कौन सही है।”
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री कह रहे हैं कि वह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से बात नहीं करेंगे, लेकिन राजनाथ ने बनिहाल में सभा को बताया कि उन्होंने 2016 में अलगाववादी गुट के साथ बातचीत शुरू करने के लिए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
अब्दुल्ला ने कहा, “कौन सच बोल रहा है? इस तरह की राजनीति जम्मू-कश्मीर के लोगों को पसंद नहीं है। लोग चाहते हैं कि आप यहां आएं और सच बोलें और यह उन लोगों पर छोड़ दें कि वे किसे वोट देना चाहते हैं।”
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