
छत्रपति संभाजीनगर, सात फरवरी ईरान में प्रतिबंधित क्षेत्र में तस्वीरें लेने के लिए हिरासत में लिया गया महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले का एक इंजीनियर करीब दो माह बाद घर लौट सका।
इंजीनियर को प्रतिबंधित क्षेत्र में कथित तौर पर तस्वीरें खींचने के लिए ईरान में लगभग दो महीने हिरासत में रखा गया।
राज्यसभा सदस्य एवं स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अजीत गोपछडे ने कहा कि विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद योगेश पांचाल (33) को इस सप्ताह की शुरुआत में रिहा कर दिया गया था। वह चार फरवरी को भारत लौट आये।
नांदेड़ जिले के वासमत से ताल्लुक रखने वाले पांचाल ने संवाददाताओं को बताया कि वह व्यापार के अवसरों की तलाश के लिए दिसंबर के पहले सप्ताह में ईरान गये थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सात दिसंबर को तेहरान पहुंचा। मैं दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए गया और अन्य पर्यटकों की तरह कुछ तस्वीरें और वीडियो शूट किए और उन्हें अपने परिवार को भेज दिया।’’
पांचाल ने कहा, ‘‘उसी दिन मुझे मेरे होटल के कमरे से पकड़ लिया गया और हिरासत केंद्र ले जाया गया।’’
उन पर प्रतिबंधित क्षेत्र में तस्वीरें लेने का आरोप लगाया गया था।
पांचाल ने कहा, ‘‘मेरी आंखों पर हर समय पट्टी बंधी रहती थी। उन्होंने मुझे 59 दिनों तक स्थानीय हिरासत केंद्र में रखा। हालांकि, इस दौरान मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया गया।’’
इस बीच, परिवार ने सांसद गोपछडे से संपर्क करके पांचाल की रिहाई के लिए मदद मांगी।
पांचाल की पत्नी श्रद्धा ने बताया कि वह एक फरवरी को अपने पति से फोन पर बात कर पाईं।
गोपछडे के अनुसार, जब परिवार द्वारा नियुक्त वकील दिल्ली में ईरानी दूतावास गए, तो वहां के अधिकारियों ने सहयोग नहीं किया।
सांसद ने बताया, ‘‘हालांकि जब विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया, तो सुनवाई हुई और पांचाल की रिहाई संभव हो सकी।’’
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