देश की खबरें | मुजफ्फरनगर दंगा : अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सात आरोपियों को बरी किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जिले की एक अदालत ने 11 वर्ष पूर्व हुए मुजफ्फरनगर दंगे के सात आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में शनिवार को बरी कर दिया।
मुजफ्फरनगर (उप्र), छह अक्टूबर जिले की एक अदालत ने 11 वर्ष पूर्व हुए मुजफ्फरनगर दंगे के सात आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में शनिवार को बरी कर दिया।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता राहुल चौधरी ने बताया कि बिट्टू, प्रवीण, बब्लू, पंकज, पिंटू, नरेंद्र और अनिल को अदालत ने बरी किया है।
उन्होंने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कनिष्क कुमार ने सभी सात आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष मामले में आरोप साबित करने में विफल रहा है।
चौधरी के अनुसार, शिकायतकर्ता और अन्य गवाहों ने अभियोजन की दलीलों का समर्थन नहीं किया और अपने बयान से पलट गए।
पीड़ित शाकिर ने पुलिस में दर्ज कराई प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि मुजफ्फरनगर जिले में आठ सितंबर 2013 को दंगों के दौरान फुगाना थाना क्षेत्र के बहावड़ी गांव में दंगाइयों की भीड़ उनके घर में घुस गई और घर से नकदी, उनकी पत्नी के गहने लूट लिए और उन्हें धमकी भी दी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले की जांच के बाद सात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 395 (डकैती) के तहत अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है।
मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में 2013 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान 60 से अधिक लोग मारे गए थे और 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)