छोटी हुई फ्रांस की सबसे ऊंची चोटी माउंट ब्लाँ
फ्रांस की सबसे ऊंची चोटी पिछले दो साल में सिकुड़कर छोटी हो गयी है.
फ्रांस की सबसे ऊंची चोटी पिछले दो साल में सिकुड़कर छोटी हो गयी है. वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद यह बात कही है.फ्रांस की सबसे ऊंची चोटी माउंट ब्लाँ की ऊंचाई अब 4,805.59 मीटर है, जो 2021 से 2.23 मीटर कम है. 2021 में पिछली बार इसकी ऊंचाई मापी गयी थी और इस बार यह पहले से कम पायी गयी.
शोध के मुख्य वैज्ञानिक ज्यां दे गैरेट्स ने कहा कि ऊंचाई में इस परिवर्तन की वजह गर्मियों में हुई कम बारिश हो सकती है. हर दो साल में माउंट ब्लाँ की ऊंचाई मापी जाती है ताकि आल्प्स पर्वत पर जलवायु परिवर्तन के असर पर नजर रखी जा सके. ऊंचाई मापने का यह काम 2021 में ही शुरू हुआ था.
दे गैरेट्स ने कहा कि उनकी टीम ने 2021 के बाद इस परीक्षण से इस पर्वत के बारे में बहुत कुछ सीखा है. वह बताते हैं, "इस चोटी की ऊंचाई और जगह लगातार बदल रही है. जगह में भी करीब पांच मीटर तक का बदलाव हो सकता है. दो साल बाद माउंट ब्लाँ कहीं ज्यादा ऊंची हो सकती है.”
बदलती रहती है ऊंचाई
माउंट ब्लाँ में बदलाव पहले भी देखे गये हैं. 2021 में ऊंचाई मापने के बाद वैज्ञानिकों ने कहा था कि फ्रांस की यह सबसे ऊंची चोटी हर साल करीब 13 सेंटीमीटर छोटी हो रही है.
गैरेट्स कहते हैं, "हम भविष्य की पीढ़ियों के लिये यह जानकारी जमा कर रहे हैं. हम इसका विश्लेषण नहीं कर रहे हैं. यह काम हम अन्य वैज्ञानिकों के लिए छोड़ रहे हैं.”
लेकिन गैरेट्स ने चोटी की ऊंचाई में हुए बदलावों के बारे में सावधान करते हुए कहा कि इन आंकड़ों का इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.
माउंट ब्लाँ की मूल ऊंचाई 4,792 मीटर है. लेकिन वहां पड़ने वाली बर्फ के कारण इसकी ऊंचाई बदलती रहती है. हवा और मौसम से बर्फ की मात्रा प्रभावित होती है. शोधकर्ता कहते हैं कि इस साल कम बारिश के कारण ऊंचाई में कमी आयी होगी. अगर कम हवा और ज्यादा नमी होती तो ऊंचाई ज्यादा मापी जाती.
जलवायु परिवर्तन का संकट
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर सिर्फ माउंट ब्लाँ पर ही चिंताएं नहीं हैं. पिछले हफ्ते ही यह बात उजागर हुई थी कि स्विट्जरलैंड में हिमखंडों को दूसरा सबसे बड़ा सालाना नुकसान हुआ है, जिसे वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट लक्षण मानते हैं.
जलवायु परिवर्तन के कारण यूरोप में अब हीटवेव और जंगलों की आग की बारंबारता बहुत बढ़ गयी है और उनकी अवधि भी पहले से ज्यादा देखी जा रही है. ओद्यौगिक क्रांति के बाद से धरती का औसत तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है. हाल ही में वैज्ञानिकों ने कहा है कि 2023 अब तक का सबसे गर्म साल हो सकता है.
ऊंचाई मापने के लिए पिछले महीने 20 विशेषज्ञों के एक दल ने माउंट ब्लाँ की चढ़ाई की थी. इस चढ़ाई में कई दिन लगे थे. इस दल को आठ समूहों में बांटा गया और उन्होंने पहली बार चोटी की ऊंचाई मापने के लिए ड्रोन का प्रयोग किया.
ऊंचाई मापने के लिए वैज्ञानिक बर्फ में छोटे-छोटे कई रिसीवर रोप देते हैं. ये रिसीवर जीपीएस सिग्नल भेजते हैं, जिनके आधार पर बर्फ की मोटाई का अनुमान लगाया जाता है. 2007 में माउंट ब्लाँ की ऊंचाई सबसे अधिक मापी गयी थी. तब यह 4,810.90 मीटर थी.
लोकप्रिय है माउंट ब्लाँ
माउंट ब्लाँ को ‘यूरोप की छत' भी कहा जाता है. एक अनुमान के मुताबिक हर साल 20 से 30 हजार लोग इस चोटी पर चढ़ने की कोशिश करते हैं. हालांकि जो रास्ता सबसे लोकप्रिय है, उस पर हर साल सिर्फ 214 लोगों को ही इजाजत दी जाती है, ताकि भीड़ ना बढ़े.
2013 में एक पर्वतारोही को बर्फ में एक बक्सा दबा मिला. इस बक्से में कई तरह के हीरे जवाहरात थे. 2021 में उन हीरे जवाहारत में से आधे उस पर्वतारोही को दे दिये गये, जिनकी कुल कीमत करीब सवा करोड़ रुपये आंकी गयी थी.
वीके/एए (रॉयटर्स)