Coronavirus: कोरोना वायरस से भोपाल में मरने वालों में अधिकतर गैस पीड़ित शामिल
दुनिया की सबसे भयावह औद्योगिक त्रासदियों में गिने जाने वाली यह घटना यहां दो-तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात को घटी थी। इसमें यूनियन कार्बाइड के कारखाने से रिसी जहरीली गैस से हजारों लोग मारे गये थे और लाखों लोग प्रभावित हुए थे।
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोविड-19 ने सबसे अधिक भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को प्रभावित किया है और एक संगठन ने दावा किया है कि शहर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले कुल 17 लोगों में से 15 भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे. दुनिया की सबसे भयावह औद्योगिक त्रासदियों में गिने जाने वाली यह घटना यहां दो-तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात को घटी थी। इसमें यूनियन कार्बाइड के कारखाने से रिसी जहरीली गैस से हजारों लोग मारे गये थे और लाखों लोग प्रभावित हुए थे.
भोपाल गैस पीड़ितों के पुनर्वास के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन (बीजीआईए)’ ने दावा किया कि प्रदेश की राजधानी में कोरोना वायरस से हुई कुल 17 मौतों में से 15 लोग गैस पीड़ित थे. यह भी पढ़े-भोपाल में COVID-19 लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर दर्ज हुए 2969 मामले, कार्रवाई जारी
हालांकि राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अभी इन मौतों को गैस पीड़ितों के रुप में वर्गीकृत नहीं किया है. बीजीआईए की रचना ढींगरा ने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘हमने भोपाल में कोरोना वायरस से मारे गये 17 लोगों के आंकड़ों को संकलित किया है। इसमें हमने पाया कि मरने वालों में से 15 लोग गैस पीड़ित थे.’’