जरुरी जानकारी | विदेशी बाजारों में सुधार के बीच ज्यादातर खाद्य तेल के भाव मजबूत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी बाजारों में पर्याप्त सुधार के बीच देश के तेल- तिलहन बाजारों में मंगलवार को मूंगफली को छोड़कर बाकी सभी खाद्य तेलों के दाम मजबूती दर्शाते बंद हुए। महंगी लागत की वजह से कम कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।
नयी दिल्ली, दो जुलाई विदेशी बाजारों में पर्याप्त सुधार के बीच देश के तेल- तिलहन बाजारों में मंगलवार को मूंगफली को छोड़कर बाकी सभी खाद्य तेलों के दाम मजबूती दर्शाते बंद हुए। महंगी लागत की वजह से कम कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।
मलेशिया एक्सचेंज लगभग 2.5 प्रतिशत मजबूत बंद हुआ। शिकॉगो एक्सचेंज भी दो प्रतिशत से अधिक मजबूत चल रहा है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में पर्याप्त मजबूती के बावजूद देशी बाजारों में उतनी मजबूती नहीं दिखी। आगे दाम में मजबूती आने के अनुमान के कारण जो कारोबारी खाद्य तेलों का स्टॉक कर लेते थे वित्तीय तंगी की वजह से ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। लंबे समय से घाटे के कारोबार के बीच उनकी हालत पस्त हो चली है। जिस तरह से सूरजमुखी तेल का आवश्यकता से अधिक आयात हुआ है उसने स्थानीय तेल-तिलहनों को पस्त कर दिया है। सूरजमुखी के आयात की लागत लगभग 95 रुपये किलो बैठती है लेकिन खुदरा बाजार में यह तेल ग्राहकों को लगभग 140-145 रुपये लीटर मिल रहा है।
सूत्रों ने कहा कि सूरजमुखी तेल का थोक दाम सस्ता होने का सीधा असर बाकी खाद्य तेलों के मुकाबले सबसे अधिक मूंगफली तेल और बिनौला तेल जैसे ‘सॉफ्ट आयल’ पर होता है। जिस तरह सरकार ने देशी सरसों तेल-तिलहन के हित में आयात होने वाले रैपसीड तेल पर 38.5 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा रखा है, उसी तरह बिनौला और मूंगफली फसल को बचाने के लिए सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने के बारे में विचार करना चाहिये। मौजूदा हालात बने रहे और सस्ते तेल का आयात बढ़ता रहा तो देशी तेल-तिलहन उद्योग चरमरा जायेगा और स्थानीय कारोबारी, आयातक, तेल मिलें और स्थानीय कामकाज खत्म हो जायेगा और केवल बहुराष्ट्रीय कंपनियां ही बच जायेंगी। मांग सिमटने की वजह से सस्ते में बेचने की मजबूरी के कारण आयातकों को सोयाबीन, पाम, पामोलीन तेल के आयात में लगभग तीन प्रतिशत का नुकसान हो रहा है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 6,065-6,125 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,250-6,525 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,880 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 11,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,915-2,015 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,915-2,040 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,450 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,625 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,425 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,100 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,570-4,590 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,380-4,500 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,085 रुपये प्रति क्विंटल।
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